अमरावती

सायबर के पास शिकायतों की बाढ

फ्रॉड की शिकायतों का लगा अंबार

* ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ रहे ऑनलाईन धोखाधडी के मामले
अमरावती/दि.2– अब तक शहरी क्षेत्र के मध्यम व उच्च मध्यम वर्ग को अपना निशाना बनानेवाले साईबर अपराधियों ने अब अपने हाथ-पैर जिले के ग्रामीण इलाकों में भी फैलाने शुरू कर दिये है और इन दिनों ग्रामीण इलाकों में भी बडे पैमाने पर ऑनलाईन जालसाजी व धोखाधडी के मामले घटित हो चुके है. पता चला है कि, जारी वर्ष में जनवरी से लेकर जुलाई माह तक महज सात माह के दौरान साईबर अपराधियों ने करीब 50 लाख रूपये से अधिक की आर्थिक लूट को अंजाम दिया है.
ऑनलाईन बैंकिंग, डेबीट व क्रेडिट कार्ड को लेकर की जानेवाली जालसाजी के साथ-साथ अन्य कई माध्यमों से भी साईबर अपराधियों द्वारा सर्वसामान्य लोगों के बैंंंक खातोें व पैसों पर डाका डाला जाता है. इन दिनोें साईबर सेल के पास मिलनेवाली ऐसी शिकायतों की संख्या बढ गई है. परंतू हकीकत में प्रत्यक्ष अपराध दर्ज होने का प्रमाण अन्य फौजदारी मामलों की तुलना में बेहद कम है. बता दें कि, शहर तथा जिला ग्रामीण पुलिस महकमें में ऐसी शिकायतोें के लिए स्वतंत्र साईबर पुलिस थाने को स्थापित किया गया है. जहां पर शहर पुलिस आयुक्तालय व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय अंतर्गत आनेवाले कार्यक्षेत्र की साईबर अपराधों से संबंधित 90 फीसद शिकायतें दर्ज होती है. किंतु यहां पर पुलिस निरीक्षक स्तर का केवल एक ही अधिकारी तैनात रहने के चलते जांच में काफी समस्याएं व दिक्कतें पेश आती है. ऐसे में 30 से 40 फीसद मामलों की जांच प्रलंबीत पडी रहती है.
* छह माह में 500 से अधिक शिकायतें
विगत छह माह के दौरान शहर पुलिस आयुक्तालय व ग्रामीण पुलिस मुख्यालय स्थित साईबर पुलिस थानों तथा शहर पुलिस के 10 पुलिस थानों में साईबर क्राईम को लेकर 500 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई है. ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में अब भी शहरी क्षेत्र में साईबर अपराधों की शिकायतों का प्रमाण काफी अधिक है.
* 280 मामलोें में अपराध दर्ज
शहर पुलिस आयुक्तालय व ग्रामीण पुलिस ने जनवरी से जून इन छह माह के दौरान करीब 280 मामलों में साईबर अपराध दर्ज किये है. साथ ही ऐसे मामलों की जांच-पडताल करते हुए कई लोगों के चोरी अथवा गुम हुए मोबाईल फोन वापिस दिलाये गये और बैंकिंग फ्रॉड का शिकार हुए कई लोगों को उनका पैसा वापिस दिलाने में भी साईबर पुलिस सफल रही.
* कई दिक्कतों का करना पडता है सामना
कई बार साईबर फ्रॉड या क्राईम का कनेक्शन सीधे विदेशों से रहता है. ऐसे में साईबर पुलिस को जांच करने में दिक्कतों का सामना करना पडता है. इसके साथ ही अगर किसी मामले की जांच हेतु किसी अन्य राज्य में जाना होता है, तो विभिन्न तरह की अनुमतियोें की बाधा को पार करना पडता है. हालांकि साईबर क्राईम की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती.
* साईबर मामलों की जांच के लिए विशेष कौशल्य की जरूरत
इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया व जानकारी देते हुए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह तथा जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल ने बताया कि, पुलिस कर्मियों को भरती के समय से ही साईबर अपराधों के मामले का प्रशिक्षण देना बेहद जरूरी है. सौभाग्य से इसकी प्रक्रिया अब शुरू हो गई है और आगामी समय में पुलिस थानोें का चित्र थोडा बदला हुआ दिखाई देगा. साईबर अपराधों का स्वरूप थोडा अलग होता है और इसके सबूत भी बेहद अलग होते है. ऐसे में इस तरह के मामलों की जांच हेतु विशेष कौशल्य की जरूरत पडती है.

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