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6 विद्यापीठों से मिली डी. लिट, फिर भी खुद को डॉक्टर नहीं लिखते गडकरी

नागपुर/दि.6 – केंद्रीय भुतल परिवहन मंत्री व भाजपा नेता नितिन गडकरी को महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के करीब 6 विद्यापीठों ने डी. लिट यानि डॉक्टर ऑफ लेटर की मानद पदवी से सम्मानित कर रखा है. परंतु इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री गडकरी अपने नाम के साथ डॉक्टर की उपाधि नहीं लगाते. इसके पीछे की वजह खुद केंद्रीय मंत्री गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताई. जिसे सुनकर सभी उपस्थितों की हंसी छूट गई.
गत रोज नागपुर में आफ्रोह संगठन की नई इमारत का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गडकरी के हाथो हुआ. इस समय समाज का विकास एवं इस हेतु आवश्यक रहने वाली शिक्षा के अपने विचार रखते हुए गडकरी ने कहा कि, उन्हें 6 अलग-अलग विद्यापीठों ने अलग-अलग मौकों पर डी. लिट की मानद पदवी से सम्मानित किया है. ऐसे में लोगों अक्सर उनसे पूछते है कि, वे अपने नाम के आगे डॉक्टर की उपाधि क्यों नहीं लगाते. इसके पीछे वजह यह है कि, मुझे पता है कि, मैं कितना विद्बान हूं. ऐसे में पहले कुछ अच्छा करना चाहिए. फिर कहना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, आदिवासी समाज के विकास हेतु आदिवासियों के साथ-साथ गैर आदिवासियों ने भी हमेशा अच्छा काम किया है. ऐसे मेें सामाजिक जीवन में भावनात्मक मुद्दों को आगे नहीं किया जाना चाहिए. यद्यपि राजनेताओं व राजनीतिक दलों द्बारा वोटों के लिए ऐसा किया जाता है. लेकिन समाज ने ऐसा करने से बचना चाहिए.

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