अमरावती

डी. फार्मा. डिग्रीधारकों के लिए पात्रता परीक्षा अनिवार्य

व्यवसायिक पंजीयन कराने से पूर्व उत्तीर्ण होना आवश्यक

अमरावती/दि.28 – दवाई निर्माण शास्त्र विषय में डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अब फार्मासिस्ट के रुप में कार्य करने से पूर्व पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होने की जानकारी भारतीय दवाईशास्त्र परिषद ने दी है.
इस संदर्भ में विस्तार के साथ जानकारी देते हुए शहर की ख्यातनाम फार्मासिस्ट भारती मनीष मोहोकार ने बताया कि, डिप्लोमा इन फार्मसी अभ्यासक्रम (डी. फार्म) पूर्ण करनेवाले विद्यार्थियों को फार्मासिस्ट के रुप में राज्य दवाईशास्त्र परिषद के पास पंजीकरण करना अनिवार्य होता है. यह पंजीकरण करने के बाद उन्हें राज्य में फार्मासिस्ट के रुप में कार्य करने की अनुमति प्राप्त होगी. परंतु वर्तमान में डी. फार्म. करने वाले विद्यार्थियों को केवल पंजीकरण कर कार्य करने की अनुमति नहीं होगी. बल्कि पंजीकरण के साथ अब उन्हें पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा. डी. फार्म. उत्तीर्ण किए विद्यार्थियों द्वारा यह परीक्षा दी जा सकेगी. उक्त परीक्षा के आयोजन के लिए स्वतंत्र व्यवस्था निर्माण की जाएगी. परीक्षा बहुपर्यायी (एमसीक्यू) पद्धति से ली जाएगी. दवाई उत्पादन, दवाईशास्त्र, वनस्पति व प्राणी दवाई उत्पादन का व उनके परिणाम का अभ्यास, फार्मास्युटिकल, कैमेस्ट्री, जीव रसायनशास्त्र, अस्पताल और चिकित्सक दवाईशास्त्र जैसे विषयों पर आधारित होगी. परीक्षा की भाषा अंग्रेजी होगी. परीक्षा के लिए तीन प्रश्नपत्रिका होगी, जिसमें प्रत्येक विषय में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त होने पर उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र दिया जाएगा. उक्त परीक्षा के लिए आयु सीमा व लिमिट की शर्त नहीं होगी.

* साल में दो बार परीक्षा देने का मौका
उक्त परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा. जिसके चलते विद्यार्थियों को एक साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इस परीक्षा की नियमावली 24 फरवरी से देशभर में लागू की गई है.

* पंजीकृत फार्मासिस्ट को छूट
राज्य के दवाईनिर्माण शास्त्र परिषद के पास पंजीकरण करने वाले फार्मासिस्ट को पात्रता परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी. ऐसा परिषद की ओर से स्पष्ट किया गया है.

* रोजगार का अवसर मिलेगा
नौकरी व रोजगार मिलने की आस लेकर ग्रामीण व शहरी भाग के अनेकों विद्यार्थी परिश्रम करते हुए डीफार्म की शिक्षा ले रहे है. लेकिन वहीं कुछ धनाढ्य लोग अपने पैसों के दम पर कई बोगस महाविद्यालय में प्रवेश लेकर सीधे डीफार्म की पदवी प्राप्त कर लेते है, ताकि खुद को फार्मासिस्ट दिखाते हुए अपने दवाईयों के कारोबार को बिना किसी दिक्कत के चलाया जा सके. लेकिन अब केवल डिग्री प्राप्त करना ही काफी नहीं रहेगा. बल्कि योग्यता साबित करने हेतु पात्रता परीक्षा भी देनी होगी. जिसके चलते अब सुशिक्षित बेरोजगार युवाओं को मेडिकल व्यवसाय के क्षेत्र में योग्यता के आधार पर रोजगार का अवसर मिलेगा.
– भारती मनीष मोहोकार, फार्मासिस्ट,
(संस्थापक अध्यक्ष, रणरागिणी महिला फार्मासिस्ट फाउंडेशन, महाराष्ट्र)

 

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