अमरावतीविदर्भ

जनकल्याण के लिए दादासाहब ने किया प्रयास

डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा का प्रतिपादन

प्रतिनिधि/दि.१
अमरावती– छात्रपति शाहू महाराज ने जनकल्याण की शुरुआत की. इस जनकल्याण की प्रक्रिया को फुले, आंबेडकर व शिक्षा महर्षी डॉ. भाऊसाहब देशमुख के बाद स्व. दादासाहब कालमेघ ने अविरत जारी रखने का प्रयास किया है. इस आशय का प्रतिपादन कृष्णा वैद्यकीय विज्ञान संस्था कराड के मुख्य सलाहकार डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने व्यक्त किए. वे ऑनलाइन पद्धति से हुए स्व. दादासाहब कालमेघ की पुण्यतिथि समारोह में बोल रहे थे. समारोह की अध्यक्षता शिवाजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने की. इस समय विधायक मोहन मते, स्व. दादासाहब कालमेघ प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शरद कालमेघ, सचिव हेमंत कालमेघ, शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले, कार्यकारीणी सदस्य प्राचार्य केशव गावंडे, व संस्था सचिव शेषराव खाडे मौजूद थे. हर्षवर्धन देशमुख ने कहा कि, दादासाहब ने अपने जीवन में जो भी प्रशासकीय सेवाऐ दी है वह काफी सराहनीय है. विधायक मोहन मते ने कहा कि, दादासाहब की विचारधाराओं को अमल में लाकर ही विकास कार्यो को बढावा दिया जा सकता है. संचालन डॉ. मंदा नांदूरकर ने किया आभार प्राचार्य डॉ. महेंद्र ढोरे ने माना. इस दौरान शिवाजी शिक्षण संस्थान के मुख्य कार्यालय में संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, दिलीप इंगोले, शेषराव खाडे, प्राचार्य केशव गांवडे ने दादासाहब की प्रतिमा को अभिवादन किया.

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