अमरावती

बाबासाहेब को प्रेरणास्रोत मानकर दादासाहेब ने मानवता के लिए कार्य किया

मनपा आयुक्त देवीदास पवार का कथन

* तक्षशिला कॉलेज में आर.एस. उपाख्य दादासाहेब गवई जयंती महोत्सव का उद्घाटन
अमरावती/दि.30– डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने हमें संविधान के रूप में समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांत दिये. इसी सिद्धांत को अपनाकर और बाबासाहब आंबेडकर को प्रेरणास्रोत मानकर दादासाहब ने मानवता के लिए काम किया और समाज में अनेक लोगों का उत्थान किया. ऐसा प्रतिपादन मनपा आयुक्त देवीदास पवार ने किया. वे तक्षशिला महाविद्यालय में रा.सू. गवई के तीन दिवसीय जयंती महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे.

मनपा आयुक्त देवीदास पवार के हाथों तथा मान्यवरों की उपस्थिति में महाविद्यालय की ग्रंथ प्रदर्शनी, रंगोली प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, डिश सजावट स्पर्धा का भी उद्घाटन किया गया. देवीदास पवार ने आगे कहा कि इतिहास में भारत विश्व विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला पहला देश था. पवार ने इतिहास के अनेक उदाहरण देते हुए तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षा का विद्यार्थियों को पालन करने और प्रतिस्पर्धा के युग में लगन से अपना करियर बनाने का आहवन किया. इस अवसर पर संस्था के सचिव प्रा. पी.आर.एस. राव ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त किए.

कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रास्ताविक प्राचार्य डॉ. कमलाकर पायस किया. दादासाहब गवई चेरिटेबल ट्रस्ट अमरावती व्दारा संचालित तक्षशिला महाविद्यालय में स्व. रा. सू. गवई जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया है. यह महोत्सव 28 से 31 अक्तूबर तक रहने वाला है. इस जयंती महोत्सव के उद्घाटक के रूप में मनपा आयुक्त देवीदास पवार के अलावा संस्था के सचिव प्रो. डॉ. पी.आर.एस. राव, प्रमुख व्याख्याता के रुप में डॉ. सुभाष गवई सहित सहायक आयुक्त भूषण पुसतकर, संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी प्रो. डॉ. सचिन पंडित, तक्षशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कमलाकर पायस उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और संस्था के प्रेरणास्रोत उपाध्यक्ष स्व. दादासाहेब गवई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मानवता की ज्योत प्रज्वलित की गई. संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कमलताई गवई और वर्तमान अध्यक्ष कीर्तिताई राजेश अर्जुन ने शुभकामनाएं दीं.

इस तीन दिवसीय जयंती महोत्सव में ग्रंथ प्रदर्शनी, रंगोली प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, पकवान सजावट स्पर्धा का आयोजन किया गया. इसके अलावा अभिवादन समारोह सोमवार 30 अक्टूबर को हुआ. तक्षशिला कॉलेज के सेमिनार हॉल में सुबह 10 बजे भव्य स्वास्थ्य जांच एवं रोगनिदान शिविर का आयोजन किया गया है. 31 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे आशादीप मतिमंद विद्यालय के विद्यार्थियों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा. संचालन डॉ. प्रवीण वानखड़े ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. प्रणाली पेटे ने किया. कार्यक्रम में डॉ. संजय देशमुख, डॉ. रवीन्द्र तायडे, डॉ. सनोबर कहेकशा, प्रा. सुनीता श्रीखंडे, प्रा.डॉ. अंजलि वाठ, प्रा.डॉ. प्रीतेश पाटिल, प्रा.डॉ. नवल पाटिल, प्रा.डॉ. प्रवीण वानखड़े, प्रा.डॉ. सिस्टम पेटे, प्रा. ममता कलमकर, प्रा. नीलेश गंगाने, प्रा. सचिन कुमार, डॉ. रूपेश बेलसरे, प्रा. पाटिल, प्रा. स्वप्निल गवई, प्रा. अश्विनी वारहेकर, प्रा. बबन इंगोले, प्रा. बनसोड़, प्रा. नंदू अढाऊ, उमेश अडगुलवार सहित शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

* दादासाहब अमरावती विश्वविद्यालय के जनक
दादासाहब की स्मृति विषय पर बोलते हुए प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई ने दादासाहब के जीवन की विविध घटनाओं का उदाहरण देकर उनके व्यक्तित्व के कई पहलुओं को प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि दादासाहब संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के जनक हैं. दादासाहब ने तथागत के विचारों को अपनाया और बाबासाहब को प्रेरणा मानकर जीवनभर मानवता के लिए काम किया. इस अवसर पर मुख्य व्याख्याता डॉ. सुभाष गवई ने कहा कि दादासाहब ही थे जिन्होंने लोगों को जोड़ा और अनगिनत लोगों को तैयार किया.

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