पीआर पोटे पाटिल ग्रुप में ‘दहि-दांडी’ उत्सव 31 को
इस बार दहिहांडी के बजाया अभिनव उपक्रम
अमरावती/दि.26-महाराष्ट्र की संस्कृति, त्यौहार, उत्सव, और सामाजिक दायित्व की भावना छात्रों में निर्माण करने का काम पी.आर.पोटे पाटील एज्युकेशनल ग्रुप अमरावती द्वारा किया जाता है. छात्रों को प्रोत्साहन मिलें और अपनी कला कौशल विकसित करने का मौका मिलने के उद्देश्य से नवीनतक उपक्रम संस्था में मनाए जाते है. हर साल भव्य दहिहांडी उत्सव महाविद्यालय में मनाया जाता है, लेकिन इस साल पहली बार दहि-दांडी उत्सव बडे ही उत्साह से मनाने का निर्णय संस्था की ओर से लिया गया है. दहिहांडी उत्सव का एकता का संदेश देने वाला त्योहार है. इन दिनों इस उत्सव का व्यापक स्वरूप बन गया है. दहिहांडी दौरान कई गोविंदा घायल होते है. इसलिए सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है. हिंदू परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण भगवान ने भी दहिहांडी का प्रयोग अपनी लीला में किया है. माखनचोर श्री कृष्ण भगवान ने दहि-दांडी का प्रयोग अपने मित्रों को माखन का प्रसाद मिलने के लिए एक लकडी से मटकी फोडकर सभी को आनंद दिया. इसी पृष्ठभूमि पर छात्रों को कोई चोट न लगे और उनके सुरक्षा का ध्यान रखकर दहिहांडी के बजाय दहि-दांडी यह अभिनव उपक्रम पी.आर. पोटे पाटील एज्युकेशनल ग्रुप की ओर से पहली बार आयोजित किया जा रहा है. कृष्ण जन्माष्टमी की पृष्ठभूमि पर यह अनोखा कार्यक्रम महाविद्यालय के विविध विद्यार्थी क्लब की ओर से आगामी 31 अगस्त को महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है. इस उत्सव को लेकर छात्रों में उत्साह का वातावरण निर्माण हो गया है.