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भोजन की थाली का दायरा भी सिकुडने लगा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – बारिश के दिनों में साग-सब्जियों का बडे पैमाने पर नुकसान होता है. जिसकी वजह से साग-सब्जियों के दाम बढ जाते है. साथ ही इन दिनों पर्व व त्यौहारों का दौर भी शुरू होने की वजह से दलहनों के भाव बढ रहे है. ऐसे में बढती महंगाई की वजह से साग-सब्जियों और दालें लोगों की पहुंच के बाहर हो रही है. जिसके चलते अपनी भोजन संबंधी जरूरतें पूरी करने के चक्कर में आम लोगों का आर्थिक बजट बिगड रहा है और बजट को संभाले रखने के चक्कर में भोजन की थाली का दायरा सिकुडता जा रहा है.
बता दें कि, दो दिन पूर्व ही गुरूपूर्णिमा का पर्व मनाया गया. वहीं अब आगामी दिनों में नागपंचमी व रक्षाबंधन के पर्व पडनेवाले है. ऐसे में अब तक स्थिर रहनेवाले सभी दलहनों के दामों में लगातार वृध्दि हो रही है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोरोना की वजह से कई लोगों के उद्योग-धंधे तथा रोजगार ठप्प हो गये है और उनकी आय प्रभावित हुई है. ऐसे में साग-सब्जियों व दालों की लगातार बढती कीमतों की वजह से सर्वसामान्य लोगों को काफी आर्थिक संकटों का सामना करना पड रहा है, क्योंकि दैनिक भोजन में साग-सब्जियों व दलहनों का प्रयोग करना ही पडता है. ऐसे में अब लोगबाग तुअरदाल की बजाय मसूर दाल का प्रयोग करते हुए अपने भोजन व आहार संबंधी जरूरतों को पूरा कर रहे है.
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इस वजह से महंगी हुई दाल
इस समय पर्व व त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है. जिसकी वजह से अब तक स्थिर रहनेवाले दाल के दामों में कुछ तेजी दिखाई दे रही है. इससे पहले भी छह माह पूर्व दाल के दामों में जबर्दस्त तेजी थी. जिसमें कुछ राहत मिलने के बाद अब विगत कुछ दिनों से दाल के दामों में एक बार फिर उछाल है. वहीं इस समय नई तुअरदाल के आने में अभी काफी समय शेष है. ऐसे में हाल-फिलहाल दाल के दामों में कमी आने के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे. जिससे निश्चित तौर पर सर्वसामान्य लोगों की आर्थिक दिक्कतें व तकलीफें बढेंगी. साथ ही सर्वाधिक आश्चर्य इस बात को लेकर भी व्यक्त किया जा रहा है कि, फिलहाल दाल की मांग में कोई विशेष वृध्दि नहीं हुई है. इसके बावजूद दाल के दामों में अचानक वृध्दि क्यों हुई.
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इस वजह से बढे सब्जियों के दाम
बारिश के मौसम दौरान खेतों में पानी जमा रहता है. जिसकी वजह से हरी साग-सब्जियां ज्यादा टीक नहीं पाती. साथ ही बाहरगांव से लायी जानेवाली साग-सब्जियों की ढुलाई भी काफी महंगी पडती है. यहीं वजह है कि प्रतिवर्ष बारिश शुरू होने से पहले ही साग-सब्जियों की दरों में अच्छा-खासा इजाफा हो जाता है. इसके अलावा बारिश के मौसम दौरान साग-सब्जियों की आवक भी घट जाती है. इस वजह से भी साग-सब्जियों के दामों में वृध्दि होती है. हालांकि विगत माह की तुलना में जारी माह के दौरान साग-सब्जियों की दरों में कुछ कमी आयी है, लेकिन अब जैसे ही बारिश का मौसम शुरू हुआ है, वैसे ही साग-सब्जियों की दरों में इजाफा होता दिखाई दे रहा है.
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दाल के दाम प्रति किलो
चना दाल – 65 रू.
तुअर दाल – 100 रू.
मूग दाल – 90 रू.
उडद दाल – 100 रू.
मसूर दाल – 65 रू.
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साग-सब्जियों के दाम
आलू – 25 रू.
प्याज – 25 रू.
करेला – 40 रू.
गवार – 40 रू.
सम्हार – 80 रू.
पालक – 40 रू.
मेथी – 80 रू.
पत्ता गोभी – 30 रू.
फूल गोभी – 40 रू.
टमाटर – 30 रू.
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नासिक से हो रही टमाटर की आवक
स्थानीय स्तर पर साग-सब्जियों का उत्पादन घटने के चलते इन दिनों अमरावती जिले में टमाटर की आवक नासिक से हो रही है. ऐसे में ढुलाई पर काफी अधिक खर्च हो जाने के चलते टमाटर की दरें आसमान छू रही है.