डामर रास्ते पर डाली मुरुम बनी जानलेवा
तनाव : ठेकेदार को गिरफ्तार करने तक लाश स्वीकार नहीं करेंगे
* परिजनों के फैसले से माहोैल गरमाया
* धामणगांव अस्पताल में पुलिस का बंदोबस्त
* पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप ने की मध्यस्थता
* गव्हाफरकाडे के युवक की मौके पर मौत का मामला
* पथरीली मुरुम के ढेर पर मोटरसाइकिल जा गिरी
धामणगांव रेलवे/ दि. 30- धामणगांव से अंजनसिंगी की ओर जा रहे नए डामर रास्ते पर ठेकेदार ने रोड पर ही मुरुम का ढेर लगा रखा. इस ढेर पर मोटरसाइकिल जा भिडी. जिसके कारण एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई. ठेकेदार की लापरवाही की वजह से एक युवक की मौत हुई है, उस ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज कर जबतक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक लाश स्वीकार नहीं करेंगे, ऐसा निर्णय मृतक साजिद खान के रिश्तेदारों ने लिया. जिससे धामणगांव के सरकारी अस्पताल में तनाव की स्थिति निर्माण हुई. यह देखकर पुलिस का तगडा बंदोबस्त लगाया गया. इसके बाद पूर्व विधायक प्रा.विरेंद्र जगताप ने मध्यस्थता करते हुए मामला सुलझाया. तब जाकर रिश्तेदार लाश स्वीकार करने के लिए तैयार हुए.
साजिद खान कय्युब खान पठान (27, गव्हाफरकाडे) यह हादसे में मरने वाले युवक का नाम है. जानकारी के अनुसार गव्हाफरकाडे निवासी साजिद खान अपने अंजनसिंगी स्थित सेतु व बैंक के ग्राहक केंद्र बंद कर अपने घर लौट रहा था. अशोक नगर से ढाकुलगांव के बीच रास्ते पर ठेकेदार ने डामर रास्ते पर भारी मशीनरुपी वाहन उतारने के लिए मुरुम का बडा ढेर रास्ते पर डाल रखा है. अचानक मोटरसाइकिल के सामने मुरुम का ढेर आ जाने के कारण साजिद खान की मोटरसाइकिल ढेर में जा भिडी. इस हादसे में साजिद के सिर पर गहरी चोट लगी. इसकी जानकारी मिलते ही उसके रिश्तेदार व दोस्त मौके पर पहुंचे. साजिद को अस्पताल ले जाया गया, मगर डॉक्टर ने मृत घोषित किया. इस घटना के बाद ठेकेदार के खिलाफ लोगों में घुसा देखा गया.
साजिद का 25 अप्रैल को विवाह था
सडक दुर्घटना में मृत हुए साजिद खान का 25 अप्रैल को विवाह होना तय हुआ था. घर में खुशहाली का माहौल था. परंतु विवाह की खुशी देखने से पहले ही साजिद को मौत ने अपने आगोश में समेट लिया.
तनाव : परिजनों ने लाश स्वीकारने से किया इंकार
सडक दुर्घटना में प्रशासन व ठेकेदार की लापरवाही से मौत हुई है. ऐसा आरोप लगाते हुए मृतक के परिजनों ने संबंधितों के खिलाफ अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किये जाने तक लाश नहीं स्वीकारने का निर्णय लिया, जिसके कारण धामणगांव के सरकारी अस्पताल में तनाव की स्थिति निर्माण हुई. वहां पुलिस का अतिरिक्त बंदोबस्त लगाया गया. इस बीच पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप ने मध्यस्थता करते हुए मामला सुझाया. तब जाकर रिश्तेदारा लाश स्वीकारने के लिए तैयार हुए. इस समय तहसीलदार प्रदीप शेलार, नायब तहसीलदार जगदीश मंडपे, बी एण्ड सी के अधिकारी वानखडे आदि उपस्थित थे.