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* जल संकट बढ़ने की संभावना
अमरावती/दि.30- जून माह में बारिश का इंतजार कायम रहा. बीच में हल्की बारिश हुई जिससे न बुआई हुई और न हीं बांधों में जल जमाव में वृद्धि हो सकी. बांधों के पानलोट क्षेत्र में भी औसत बारिश न होने से बांधों का पानीसंचय कम होने लगा है. जिसके चलते जल किल्लत होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. अब बांधों को भी बारिश की आंस लगी है.
अमरावती जिले के अप्पर वर्धा इस बड़े बांध सहित सात मध्यम व 45 लघु प्रकल्पों में हाल की स्थिति में 385 दलघमी (37 प्रतिशत) जल जमा है. अप्पर वर्धा बांध पर अमरावती शहर सहित तहसील व ग्रामीण की जलापूर्ति योजना व सिंचाई योजना का भार है. इस बांध में फिलहाल 244 दलघमी (43 प्रतिशत) पानी जमा है. बारिश न होने से बांधों के जमा पानी की कमी होने के बावजूद अब खरीफ के लिए पानी छोड़ने की मांग बढ़ने लगी है. जिसके चलते आगामी काल में दमदार बारिश न होने पर पानी का संकट मंडराने लगा है.
ग्रामीण भाग में जलापूर्ति करने वाले सात मध्यम प्रकल्पों में कुल जल संचय क्षमता की तुलना में 78 दलघमी जमा है. इस सात में से गर्गा प्रकल्प के संचयन शून्य है. वहीं शेष 6 प्रकल्पों में से पूर्णा व बोर्डी नाला बांध का जलसंचयन तलहटी पर पहुंचने लगा है.
चांदूर बाजार की प्यास बुझाने वाले पूर्णा प्रकल्प में 8.16 दलघमी व बोर्डी नाला प्रकल्प में 1.09 दलघमी जल शेष है. दर्यापुर व अंजनगांव तहसील को आपूर्ति करने वाले शहानूर प्रकल्प में 16.72 दलघमी एवं सपन व चंद्रभागा में क्रमशः 22.92 व 17.30 दलघमी जल शेष है. कम से कम महीनेभर इस प्रकल्प से आपूर्ति हो सकेगी. जुलाई में जोरदार बारिश न होने पर इन बांधों के भरोसे रहने वाले शहरों को पानी कटौती के संकट का सामना करना पड़ेगा.
जिले में 45 लघु प्रकल्प है. इनमें फिलहाल 62.86 दलघमी संचयन शेष होकर ग्रामीण भाग की योजना इन प्रकल्पों पर अवलंबित है. तेजी से जमा जल कम होने से पानी का संकट निर्माण होने की संभावना है.
* जल क्षेत्र सूखे
ैजून महीने में सार्वत्रिक बारिश नहीं हुई. कुछ ही दिन बारिश होने से जिले में अब तक 54.2 मी.मी. बारिश हुई है. जून महीने की अपेक्षित औसत की तुलना में वह 38 प्रतिशत है. बांधों के जल क्षेत्र में भी बारिश नहीं हुई. अप्पर वर्धा बांध के जल क्षेत्र में अब तक 104 मी. मी. बारिश हुई. वहीं पूर्णा 50, शहानूर 41, चंद्रभागा 55, सपन 48, गर्गा प्रकल्प के जल क्षेत्र में 54 मी.मी. बारिश हुई है. इस बारिश से बांधों के जलसंचयन में खास असर नहीं हुआ है.