अमरावतीमनोरंजन

नृत्य नाटिका ने बिखेरी सिंधीयत की आभा

मासूम व युवा कलाकारों का जलवा

* डॉ. रोमा बजाज के संयोजन में प्रस्तुति
अमरावती/दि.10– ‘हिक शाम संत कंवरराम जे नाम’ ऐतिहासिक कार्यक्रम में डॉ. रोमा राजेश बजाज के संयोजन में प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका ने सिंधीयत की आभा बिखेर कर समा बांधा. मासूम और युवा कलाकारों के अनूठे संगम से मंचित नृत्य नाटिका से सभी मंत्रमुग्ध हो गये. सांस्कृतिक भवन में उपस्थित हजारों दर्शकों ने कलाकारों का हौसला बढ़ाया.

महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी मुंबई, विदर्भ सिंधी विकास परिषद अमरावती, संत कंवरराम धाम ट्रस्ट, विदर्भ सिंधी विकास परिषद महिला मंच अमरावती के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक, संस्कृति से सराबोर कार्यक्रम पेश किया गया. दर्शकों से भरे खचाखच व अकादमी सदस्य तथा पंचायत प्रमुख संस्था के पदाधिकारियों पं. महेश शर्मा व दीपक शर्मा की उपस्थिति में नृत्य नाटिका की हर जुबान पर चर्चा रही. तुलसी सेतिया द्वारा अमर शहीद संत कंवरराम साहेब के जीवन पर आधारित नाटक के बाद कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी. नाटिका का संयोजन डॉ. रोमा राजेश बजाज ने अपने अंदाज में पेश किया. कोरियोग्राफर छिंदवाड़ा से नेहा महनेजा ने कोरिओग्राफी की. अक्रम नेभनानी और राजेश शादी का विशेष सहयोग रहा.

साई राजेश लाल का आशीर्वाद और नानक आहूजा की सरपरस्ती से नृत्य साकार किया गया. महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष महेश सुखरामानी व उनकी टीम, सभी पंचायतों व विशेष रूप से नानकराम नेभनानी ने नृत्य को सराहा. मंजू अडवाणी ने संचालन में जान फूंक दी व अपने अलग अंदाज और शायराना शब्द से सभी का दिल जीता. नाटिका में तीन साल से 60 साल तक के कलाकारों ने अपना सर्वस्व मंच पर प्रदर्शित किया.

मासूम कलाकारों में दित्या दीपेश बजाज, वंश मेहता, एंजल हासवाणी, रीत नाथानी, युक्ता नाथानी, मिस्टी नाथानी, जागृति बुधलानी, ध्यानस कुकरेजा, अथर्व भारानी, मंजित कोटवाणी, प्रिन्स खत्री, हीर नानवाणी, अनमोल पिंजानी, क्रियांश अरोरा, दृष्टि हरवानी का सहभाग रहा. नृत्य नाटिका को सफल बनाने के लिए डॉ. रोमा राजेश बजाज, अनुशा बजाज, कांची बजाज, रश्मी बजाज, ज्योति मोरडिया, शोभा मोरडिया, उषा हरवानी, रिटा हरवानी, अनिता गगलानी, नेहा धामेचा, खुशी कुकरेजा, जूही अरोरा, गुंजन, अस्मि कुकरेजा, आयुषी बुधलानी, हर्षा अडवानी, मीना अडवाणी, जया लुल्ला, कशिश मेहरा, माहिरा तेजवानी, प्रीत किंगर, पुष्पा बुधलानी रुही पिजांनी, सपना हरवानी, सौम्या खत्री, वैशाली शादी, रत्ना गिडवाणी कोमल हरवाणी, श्रद्धा मेहता, तनया बुधलानी, अक्षरा खत्री, किरण खत्री, पूजा करडा, प्राची करवा, गीता मोटवानी, कुसुम लालवाणी, साक्षी चरलिया, सिया, बरखा गगलानी, दीपेश बजाज, राजू राजदेव, केतन लालवाणी, कृष्णा, राजेश तरडेजा, रोहित बजाज, युग सेवानी का तन-मन धन से सहयोग रहा.

* युवा पीढी को मार्मिक संदेश
डॉ. रोमा बजाज के संयोजन में प्रस्तुत नृत्य-नाटिका से युवा पीढ़ी को मार्मिक संदेश दिया गया. आज के युवाओं में पश्चिमी संस्कृति का आकर्षण है. परिवार की जड़ों से जुड़कर संस्कारों, रीति-रिवाजों व खान-पान से परिचय कराने का प्रयास किया गया. अपनी संस्कृति के संवर्धन, पोषण एवं रक्षण से व्यक्तित्व विकास निर्भर रहने का प्रयास किया. राजू राजदेव ने परिवार की अहमियत व राजेश तरडेजा ने प्रेरणात्मक संबोधन से युवाओं को प्रोत्साहित किया.

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