मेलघाट की किर्र काली रात में लहूलुहान उल्लू को बचाने का साहस
महिला वनरक्षक रानी की सर्वत्र वाह-वाह
अमरावती/दि.23- जैव विविधता पूर्ण पक्षी वैभव का क्षेत्र. दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का माहेर कहलाते मेलघाट में एक लहूलुहान श्रृंगी उल्लू को नया जीवन देनेवाली वनरक्षक रानी गरुड की सर्वत्र जीभरकर सराहना हो रही है. रानी ने अंधेरी काली रात में उल्लू को घालय अवस्था में देखा और सहयोगी महिलाओं के साथ अपना कौशल्य उपयोग में लाकर उस उल्लू को नया जीवन दिलवाया.
जानकारी के अनुसार रानी गरुड और उनकी सहकारी महिला कर्मी चित्री सर्कल ने मध्य रात्री गश्त पर थी. उन्हें उल्लू रक्तरंजीत अवस्था में नजर आया. उन्होंने वनविभाग की यंत्रणा आनन-फानन में कार्यान्वित की. प्राथमिक सेवा सुश्रृषा करने के बाद उल्लू को परतवाडा की शासकीय डिस्पेंसरी में पहुंचाया. उल्लेखनीय की धारणी आरएफओ के मार्गदर्शन में रात में जंगल गश्त हेतु विशेष महिला दस्ता तैयार किया गया है. जिसकी रानी गरुड प्रमुख है. वनरक्षक प्रियंका खेरडे, माला धांडे और कुछ चुनिंदा वन मजदूर चित्री सर्कल में घूम रहे थे. तब वनखंड क्रमांक 1286 में यह उल्लू नजर आया था.
रानी गरुड ने पशु चिकित्सक डॉ. मनोज आडे से वैद्यकीय सलाह ली और धारणी में ही उसका प्रथमोपचार करने के बाद रेसक्यू टीम के सुपूर्त किया. मेडिकल टीम ने बताया कि, उक्त उल्लू के दाए कंधे पर गंभीर चोट आई है. उसकी एक हड्डी टूट गई है. फलस्वरुप पंख की हलचल मंद हो गई. जिसके कारण वह उडने में असमर्थ हो गया है. उस पर तत्काल उपचार शुरु है. कुछ दिनों में यह उल्लू ठीक हो जाने का विश्वास डॉ. वैभव हागोणे और डॉ. धंदर ने व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि ठीक होते ही उल्लू को नैसर्गिक अधिवास में छोड दिया जाएगा.