अमरावती

दुर्मिल जंगली उल्लू के जंगल सफारी में दर्शन…!

मेलघाट की अति ऊंचाई पर वास्तव्य

चिखलदरा/दि.14– उल्लू यह पक्षी भारत के महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर पाया जाता है. लेकिन अब विविध कारणों से वह दिखाई नहीं देता. हाल ही में पक्षी अभ्यासकों की एक टीम द्वारा इसकी खोजबीन करने पर वह सिपना वन्यजीव विभाग चौरकुंड मेलघाट में पाया जा है. इस उल्लू को हाल ही में विदर्भ के 1168 मी. ऊंचे पठार पर चिखलदरा वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ. मयुर भैलुमे ने कैमरे में कैद किया.
यह उल्लू जंगल में बाघ, तेंदूए, सांभर, जंगली कुत्ते आदि वन्यप्राणी होने से पर्यटकों को मेलघाट की वैराट सफारी में आनंद की मेजबानी साबित हो रहा है. महाराष्ट्र के पक्षी प्रेमियों ने, पक्षी अभ्यासकों ने व मुंबई नेचरल हिस्ट्री सोसाइटी ने फॉरेस्ट आउलेट पक्षी को महाराष्ट्र का राज्य पक्षी माना जाये, ऐसी सिफारिश की है. इससे पहले राज्यपक्षी के रुप में हरियाल पक्षी को मान्यता दी गई थी. अब फॉरेस्ट आउलेट (रानपिंगला) का नाम आगे आया है.
यह पक्षी उल्लू, पिंगला गट का है. यह दिखने में अधिक आकर्षक नहीं होता, मोर, तोता, बगला, करकोचा समान तो है ही नहीं. मोर समान सुंदर व सुडौल पक्षी को हम पक्षियों के राजा के रुप में पहचानते हैं. लेकिन अब हरियाल के साथ-साथ यह नाम आगे आया है.
* संरक्षण जरुरी
इस पक्षी को संरक्षण देकर उसकी संख्या बढ़ाना यह मुख्य उद्देश्य है. क्योंकि यह पक्षी अब काफी दुर्मिल होते जा रहा है. राज्य पक्षी का इसे दर्जा दिए जाने पर इस पक्षी की और अधिक खोजने, उस पर अभ्यास करने व बचाने के लिए संरक्षण देना संभव होगा.

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