* 50 घायल, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, कई वाहनों भी क्षतिग्रस्त,
* दस मिनट तक चलता रहा प्रकृति का कहर, लाखों का नुकसान
दर्यापुर/दि.2- दर्यापुर शहर में गत रोज दोपहर अचानक ही मौसम पुरी तरह से बदल गया और तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई. जो देखते ही देखते आंधी-तूफान में बदल गई. करीब दस मिनट तक चले इस तेज आंधी-तूफान की वजह से मुर्तिजापूर रोड स्थित वैभव मंगल कार्यालय की छत ढहने के साथ ही कई कच्चे घरों के टीन व छप्पर हवा में उड गये और आम जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. इस आंधी-तूफान की वजह से घटित हादसों के चलते दर्यापुर परिसर में करीब 50 लोग घायल हुए है. जिन्हें छिटपुट चोटे आयी है. साथ ही कई दुपहिया व चारपहिया वाहनों का भी नुकसान हुआ है.
मिली जानकारी के मुताबिक कल दर्यापुर से मुर्तिजापुर रोड पर स्थित वैभव मंगल कार्यालय के लॉन में एक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था. इसकी तैयारी शुरु थी. परंतु दोपहर बाद मौसम ने अपना रुख बदला. घनघोर बादल के साथ आयी चक्रावाती तेज हवा ने वैभव मंगल कार्यालय के लॉन के उपर लगे टीन उडा लिये. इस समय मंगल कार्यालय के छत पर टीन लगाने हेतु लगाये गये लोहे के एंगल भरभराकर नीचे गिर पडे. साथ ही दीवार का भी कुछ हिस्सा ढह गया. ऐसे में मंगल कार्यालय के भीतर विवाह समारोह में शामिल होने हेतु उपस्थित रहनेवाले कई लोगोें पर यह पूरा मलबा गिर पडा. जिसके चलते मौके पर उपस्थित कई लोग घायल हो गये और देखते ही देखते विवाह की खुशियां चीख-पुकार और दौडभाग में बदल गई. पता चला है कि, जिस समय तेज आंधी-तूफान की वजह से यह हादसा घटित हुआ, तब वैभव मंगल कार्यालय में विवाह की रस्में पूरी होकर स्नेहभोजन का दौर चल रहा था और अकस्मात ही उपर से लोहे के एंगल और ईंट के टुकडे मंगल कार्यालय में मौजूद लोगों पर गिरने लगे. जिससे हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगा. महज दस मिनट के भीतर इस मंगल कार्यालय में पूरा नजारा बदल चुका था. पश्चात आंधी-तूफान और बारिश के रूकते ही इस घटना की जानकारी शहर में आग की तरह फैली. जिसके बाद अनेकों लोग सहायता के लिए आगे दौडे.
* सभी घायलों को कराया गया अस्पताल में भर्ती, घायलों में दो वर्ष का बच्चा भी शामिल
इस हादसे में बुरी तरह से घायल हुए अमोल गवली (वाठोडा हिम्मतपुर, दर्यापुर) तथा रंगराव भाकरे (विश्रोली, चांदूर बाजार) को इलाज के लिए जिला सामान्य अस्पताल में भरती कराया गया है. वहीं प्रकाश दाभेकर, देविदास तेलखडे, श्रीकांत कालबांडे, रोहित तसरे, अंकित ठाकरे, नवल ठाकरे, रितिक ठाकरे, श्रीकृष्ण दाभेकर, पांडूरंग तेलखडे, पवन सपाटे, चरणदास ठाकरे, मालू खानंदे, पायल राठोड, संजय राठोड, रेणू चक्रे, सुरेंद्र सोलंके सहित दो वर्षीय बिट्टू कांबले को इलाज के लिए उपजिला अस्पताल में भरती कराया गया है. साथ ही कुछ घायलों पर शहर के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
* भागें तो भागें कहां, अंदर-बाहर एक से थे हालात
जिस समय तेज आंधी-तूफान की वजह से मंगल कार्यालय के भीतर उपर से टीन उड जाने की वजह से जल-जले जैसी स्थिति थी. उसी समय बाहर भी तेज आंधी-तूफान और बारिश चल रही थी. ऐसे में मंगल कार्यालय के भीतर और बाहर एक जैसी स्थिति थी. जिसके चलते लोगों के सामने यह भी समस्या थी कि, आखिर जान बचाने के लिए कहां भागा जाये. ऐसी स्थिति में जिसे जिधर रास्ता मिला, वह उस ओर भाग निकला.
* 100 फीट दूर जाकर गिरे टीन
इस तेज आंधी-तूफान के आते ही वैभव मंगल कार्यालय की छत पर लगा टीन का शेड कागज की तरह हवा में उड गया, जो यहां से करीब 100
फीट दूर दालमिल के पास जाकर गिरा. वहीं मंगल कार्यालय के हॉल की छत उड जाने की वजह से मंगल कार्यालय उपर से पूरी तरह खुल गया और आंधी-तूफान व बारिश से बचने के लिए यहां पर कोई सहारा नहीं बचा और तेज आंधी-तूफान की वजह से पूरा सामान इधर-उधर बिखरने के साथ ही बारिश की वजह से यहां काफी नुकसान हुआ.
* कई छोटे-बडे वाहन हुए क्षतिग्रस्त
वैभव मंगल कार्यालय में विवाह समारोह जारी रहने के चलते यहां की पार्किंग में मेहमानों के चारपहिया व दुपहिया वाहन खडे हुए थे. जिनमें से कई वाहनों पर मंगल कार्यालय शेड सहित ईट की दीवार के टुकडे गिर पडे. जिससे 11 दुपहिया वाहनों तथा 4 फोरविलर वाहनों का नुकसान हुआ है.
* कई पेड उखडकर गिरे, यातायात बाधित
तेज आंधी-तूफान की वजह से दर्यापुर शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में कई पेड जड सहित उखडकर जमीन पर गिर पडे. जिससे जहां एक ओर कई सडकों पर यातायात बुरी तरह से बाधित हुआ. वहीं पेडों की भारी-भरकम सूखी टहनिया वाहनों पर आकर गिरने की वजह से कई वाहनों का भी नुकसान हुआ.
* काफी देर खंडित हुई विद्युत आपूर्ति
इस तेज आंधी-तूफान की वजह से दर्यापुर शहर में विद्युत आपूर्ति भी बुरी तरह से प्रभावित हुई. शहर में जगह-जगह पर बिजली के तार टूटकर गिर जाने की वजह से महावितरण द्वारा समय सूचकता दिखाते हुए बिजली की आपूर्ति को बंद कर दिया गया था. बिजली के तार टूटने और बिजली के कई खंभों को नुकसान पहुंचने की वजह से कई घंटे तक बिजली आपूर्ति खंडित रही. हालांकि बिजली के जिंदा तार टूटकर जमीन पर गिरने की वजह से किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई.
* दर्यापुर में अपनी तरह की पहली घटना
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, दर्यापुर में ओलावृष्टि के साथ ही मान्सून पूर्व बारिश की वजह से कोई बडी घटना घटने का यह पहला ही मामला है. हालांकि इससे पहले तहसील द्वारा बाढ का सामना किया गया. वर्ष 2020 में 10 व 11 जुलाई को लेंडी नाले का गहराईकरण नहीं किये जाने की वजह से अतिवृष्टि के चलते बाढ का पानी थिलोरी गांव में घुस गया था. जिससे 175 घरों को नुकसान हुआ था. वहीं वर्ष 2021 के दौरान जैनपुर में दो खेतीहर मजदूर गाज की चपेट में आकर घायल हुए थे और विद्युत के तीव्र प्रवाह की वजह से कई घरों की इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं खराब हो गई थी. इसके साथ ही दर्यापुर के व्यापारी संकुल में पानी घुस जाने की वजह से लाखों रूपयों का नुकसान हुआ था और पेठ इतबारपूर गांव का संपर्क सभी से टूट गया था. चंद्रभागा नदी से मिलनेवाले बोर्डी, वाघाडी व निनार नालों का पानी खेतों में घुसने की वजह से फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था.
* टीन के शेड की बजाय पक्की छत होती, तो टल सकता था हादसा
जानकारों के मुताबिक यदि वैभव मंगल कार्यालय पर टीन के शेड की बजाय पक्की यानी स्लैब की छत रही होती, तो शायद यह हादसा घटित नहीं होता. तेज आंधी-तूफान के सामने लोहे के एंगल पर लगाये गये टीनों की कोई ताकत ही नहीं चल पायी और एक झटके में सभी टीन उखडकर हवा में कागज की तरह उड गये. इसके बाद लोहे के एंगल और क्षतिग्रस्त दीवार से ईटों के टुकडे नीचे हॉल में मौजूद रहनेवाले लोगों पर गिरने लगे. जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों को सिर पर ही चोटें आयी है.