तत्कालीन जिप उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे को 2 साल की जेल
महिला कृषि विस्तार अधिकारी को भी तीन माह का कारावास
* गट विकास अधिकारी से मारपीट मामले में अदालत ने सुनाई सजा
अमरावती/दि.21 – भातकुली पंचायत समिति के गटविकास अधिकारी सागर बालासाहब पाटिल पर एक महिला कृषि विस्तार अधिकारी के खिलाफ की गई प्रशासकीय कार्रवाई को पीछे लेने हेतु दबाब बनाते हुए उसके साथ धक्का मुक्की व मारपीट करते हुए जान से मार देने की धमकी देने के मामले में स्थानीय जिला न्यायाधीश क्रमांक-5 ए. एस. आवटे की अदालत ने जिला परिषद के तत्कालीन उपाध्यक्ष दत्ता पुरुषोत्तम ढोमणे (45) को अलग-अलग धाराओं के तहत कुल 2 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही इस मामले में महिला कृषि विस्तार अधिकारी को तीन माह के सामान्य कारावास की सजा सुनाई गई है.
दोषारोप पत्र के मुताबिक भातकुली पंचायत समिति में गट विकास अधिकारी के तौर पर कार्यरत रहने वाले सागर पाटिल ने अपने अधिन कार्यरत रहने वाली महिला कृषि विस्तार अधिकारी के खिलाफ 6 मार्च 2018 को प्रशासकीय कार्रवाई की गई. जिसके चलते 7 मार्च 2018 को उक्त महिला अधिकारी जिला परिषद उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे को अपने साथ लेकर कार्यालय पहुंची और दत्ता ढोमणे ने सागर पाटिल पर उक्त महिला अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई को पीछे लेने हेतु दबाव बनाना शुरु किया. इस समय सागर पाटिल ने बताया कि, उक्त कार्रवाई पूरी तरह से नियमानुसार की गई है. जिसे वापिस नहीं लिया जा सकता. तो दत्ता ढोमणे ने कार्यालय में रखी कुर्सी उठाकर सागर पाटिल की ओर फेंकी. साथ ही सागर पाटिल की कॉलर पकडते हुए धक्का मुक्की व मारपीट करने के साथ ही जान से मार देने की धमकी दी. इस मारपीट में सागर पाटिल कुछ हद तक घायल हो गए थे. जिन्हें कार्यालय के अन्य कर्मचारियों ने जैसे तैसे बचाया था. पश्चात सागर पाटिल ने उसी दिन गाडगे नगर पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर गाडगे नगर पुलिस ने तत्कालीन जिप अध्यक्ष दत्ता ढोमणे व महिला कृषि विस्तार अधिकारी के खिलाफ भादंवि की धारा 353, 323, 186, 504, 506 व 34 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया था. मामले की जांच पश्चात जांच अधिकारी एपीआई जी. टी. पवार ने अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील रणजीत भेटालू ने पूख्ता सबूत व गवाह पेश करते हुए प्रभावी युक्तिवाद किया. जिसे ग्राह्य मानते हुए अदालत ने दत्ता ढोमणे को भादंवि की धारा 353 के तहत दो वर्ष, भादंवि की धरा 323 के तहत एक वर्ष व भादंवि की धारा 506 के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. कारावास की सभी सजाएं एकसाथ चलेगी. वहीं महिला कृषि विस्तार अधिकारी को अदालत ने भादंवि की धारा 186 के तहत तीन माह के सामान्य कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में पैरवी अधिकारी के तौर पर एएसआई वाट ने महत्वपूर्ण सहयोग किया.