बेटी तीन साल के बाद लौटी, मां ने कहा वह मेरे लिये मर गई
15 वर्ष की आयु में किया था पलायन, अब हुई 18 वर्ष की

* विवाह करने के बाद हुई तीन माह की गर्भवती
अमरावती/दि.10 – वरुड तहसील के तहसील का एक युवक वर्ष 2022 में 15 वर्षीय नाबालिग युवती को भगाकर ले गया था. उसे अपहर्त युवती के साथ मध्यप्रदेश के एक गांव से कब्जे में लिया गया. 7 मार्च 2025 को एएचटीयू के दल ने दोनों को बेनोडा पुलिस के हवाले किया. पुलिस ने संबंधित युवक को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन अब बालिग हुई और तीन माह की गर्भवती रही बेटी को स्वीकारने से उसकी मां ने इंकार कर दिया है.
4 अप्रैल 2022 से बेनोडा थाने में दर्ज अपहरण के मामले की नाबालिग पीडित युवती और आरोपी न मिलने से मामले की जांच एएचटीयू दल को सौंपी गई. इस दल ने बारिकी से जांच करते हुए 7 मार्च को आरोपी मनीष और अपहर्त युवती को गोपनीय जानकारी व तकनीकी आधार पर मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के छोटीग्वाली टोली थाना क्षेत्र से कब्जे में लिया. जांच के दौरान दोनों ने विवाह किया रहने और पीडिता तीन माह की गर्भवती रहने की बात उजागर हुई. इस युवक-युवती के पिता का निधन हो गया था. उस समय भी दोनों अपने गांव नहीं लौटे थे. जब पीडिता भागी, तब उसके पिता का निधन हो गया. इस कारण वह उसी समय मेरे लिए मर गई थी, ऐसा इस पीडिता की मां ने कहते हुए उसे स्वीकारने से इंकार कर दिया, ऐसा पुलिस का कहना है. एएचटीयू के दल ने एलसीबी निरीक्षक किरण वानखडे के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की. इस दल ने मध्यप्रदेश पहुंचकर जाल बिछाते हुए इस प्रेमी युगल को कब्जे में लिया और घटना का पर्दाफाश किया.
* 36 मामले उजागर
ग्रामीण पुलिस पुलिस अधीक्षक कार्यालय में महिला व बालकों के अपहरण के प्रकरण पर रोक लगाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में एएचटीयू का दल काम कर रहा है. इस कक्ष में वर्ष 2023 व वर्ष 2024 मेें पुलिस स्टेशन स्तर पर उजागर न हुए 36 मामलों का पर्दाफाश किया है.
* महिला दिन तक 43 युवक-युवतियों का अपहरण
इस वर्ष 1 जनवरी से 8 मार्च की कालावधि में जिले के ग्रामीण क्षेत्र से 43 नाबालिग युवक-युवतियों का अपहरण किया गया. इसमें सर्वाधिक प्रतिशत युवतियों का है. गत वर्ष पहले सवा दो माह में ऐसे प्रकरणों की संख्या 28 थी. वर्ष 2024 में नाबालिग युवक-युवतियों के अपहरण के कुल 211 मामले दर्ज हुए थे.