अमरावती/दि.11 – आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, ऐसे अनेक उदाहरण है. जिसमें महिलाओंं ने पुरूष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर कार्य किया है. प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि माता- पिता को पुत्र ही कंधा देता है और मुखाग्नि भी. किंतु इस पुरानी परंपरा को तोडते हुए शहर के पुलिस कांस्टेबल अविनाश मिसले ने स्वयं आगे बढकर महिलाओं को अधिकार देने के उद्देश्य से अपनी तीनों ही बहनों को मां की अर्थी को कंधा दिलवाया. इतना ही नहीं बडी बहन ने मुखाग्नि भी दी.
शहर की सुरक्षा कालोनी निवासी मंदा मिसले का शनिवार को अल्प बीमारी के चलते निधन हो गया था. उन्हें एक बेटा और तीन बेटिया है. पुत्र अविनाश मिसले पुलिस विभाग में कार्यरत है. अविनाश मिसले ने पुरानी परंपराओं को तोडते हुए अपनी मां को तीनों ही बहनों से कंधा दिलवाया. इतना ही नहीं बडी बहन ने मां को मुखाग्नि भी दी. इस तरह से स्त्री पुरूष समानता का आदर्श मिसले परिवार ने स्थापित किया.