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दयासागर रुग्णो की समर्पित सेवा की मिसाल

संपादक अनिल अग्रवाल का प्रतिपादन

* 5 लाख के मेडिकल उपकरण प्रदान
* सिस्टर रचिना ने सराहा
अमरावती/दि.5- राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष और दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल के मित्र परिवार ने बुधवार को अंबानगरी की समाजसेवा में एक बडा अध्याय जोडा जब सेवा भाव को समर्पित कैम्प रोड स्थित दयासागर अस्पताल में 5 लाख रुपये के विविध उपकरण प्रदान किए. इस उपक्रम की नगरवासियों विशेष कर अंबानगरी के सेवाभावी प्रबुध्द जनों ने बडी सराहना की. दो व्यक्तियों ने उपक्रम से प्रेरणा लेकर तुरंत 50-50 रुपये के उपकरण अपनी ओर से देने की पेशकश कर दी. उसी प्रकार नगर के एक प्रसिध्द चिकित्सक ने दो ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल को अगले दो दिनों में भिजवा देने की घोषणा कर दी.
सामान्य मंच, असामान्य कार्यक्रम
अनिल अग्रवाल मित्र परिवार व्दारा दया सागर अस्पताल को तीन व्हीलचेयर, दो स्ट्रेचर, एक एनएसटी मशीन और एक ईसीजी मशीन का संपूर्ण सेटअप को प्रदान किया गया. जिसका प्रदान समारोह संक्षिप्त किंतु कुछ मायनों में अनूठा रहा. मंच पर अनिल अग्रवाल के साथ अस्पताल की प्रशासिका सिस्टर जीना, माहेश्वरी पंचायत के सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष विजय केडिया, पंडित देवदत्त शर्मा और रामेश्वर गग्गड विराजमान थे.
अस्पताल का सेवाभाव शिरोधार्य
इस मौके पर अपने संबोधन में अनिल अग्रवाल ने अनेक वर्षो से अस्पताल से संपर्क होने का उल्लेख कर कहा कि रुग्णो की सेवा में दया सागर अस्पताल और यहां के चिकित्सकों, सिस्टर्स और सभी सेवाधारियों का कोई सानी नहीं हैं. इसीलिए उन्होेंने इस अस्पताल में आने वाले निर्धन मरीजों की सेवार्थ कुछ उपकरण देने का विचार किया और उनके मित्र परिवार ने इस आयोजन को कार्यक्रम का स्वरुप दे दिया. अग्रवाल ने बताया कि आज के दौर में ऐसे भी अस्पताल और स्थान हैं जहां सेवा के नाम पर सेवा ही हो रही हैं. इसका ज्वलंत उदाहरण दया सागर अस्पताल हैं. उन्होंने कोरोना दौर का उल्लेख कर कहा कि यहां उस दौर में जिस अंदाज में सेवा सुश्रुषा की गई. वह बेमिसाल रही.
एक भी मृत्यु नहीं
कोरोना दौर में कई निजी अस्पतालों तथा शासकीय एवं निम शासकीय अस्पतालों में उपचार किए गए. निजी अस्पतालों ने लाखों रुपये की बिल वसूली की. अनिल अग्रवाल ने बताया कि दया सागर में मरीजों के किफायती बिल रहे. उसी प्रकार सेवा का यह आलम रहा कि यहां एक भी मरीज की कोरोना से उस भीषण दौर में मृत्यु नहीं हुई. सभी रुग्ण यहां से स्वस्थ होकर लौटे. अनिल अग्रवाल ने कहा कि दान और दया बंद मुठ्ठी से किए जाने की भारत वर्ष की परंपरा रही हैं. किंतु आज के आयोजन के पीछे की भावना केवल समाज को प्रेरित करने की हैं. दया सागर अस्पताल गत 25-30 वर्षो से गरीब रुग्णों को बेहतरीन चिकित्सा सेवा दे रहा हैं. इस पर विशेष ठप्पा लगा देना दुर्भाग्य पूर्ण हैं. शासन और प्रशासन ने भी दयासागर जैसे अस्पताल से सहयोग करने में हाथ खींच रखा हैं. बल्कि कई बार तो अस्पताल को नाहक नोटिस दे दी गई. अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल से उनका पारिवारिक नाता जुड गया हैं. उन्होंने सिस्टर रचिता का विशेष रुप से उल्लेख किया जो यहां सेवा की प्रतिमूर्ति बनी हैं. हजारों मरीजों की नित्य सेवा यहां हो रही हैं.
प्रा. कलंत्री ने सराहा उपक्रम को
माहेश्वरी पंचायत के सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री ने कहा कि आज का उपक्रम सराहनीय हैं. अतुलनीय हैं. बल्कि प्रेरणा लेने लायक हैं. निश्चित ही दया सागर अस्पताल में समर्पित भाव से रुग्णों की सेवा हो रही हैं.
औदार्य, सर्मपण से दैवत्व
हितकारक मंडल के मार्गदर्शक पं. देवदत्त शर्मा ने वेदो और ग्रंथो की अनेक संस्कृत पंक्तियों का उदाहरण देकर कहा कि सनातन धर्म ने कभी जाती भेद नहीं माना. उसी प्रकार नीति का श्लोक उन्होंने उल्लेखित किया. यह भी बताया कि इस अस्पताल में सिस्टर टेरेसा मैसू जैसी मसीहा रही हैं. जो दुर्घटनावश जले हुए रुग्णों की सेव के लिए विख्यात रही हैं. उनके व्दारा जले हुए घाव की ड्रेसिंग से रुग्ण जल्दी लाभ पाता. जहां सेवा का सर्वोच्च होता हैं, वहां दैवत्व आ जाता हैं. कुछ इसी प्रकार का अहेसास यहां मिल रहा हैं.
मान्यवरों की उपस्थिति
अमरावती मंडल के प्रबंध निदेशक राजेश जुगलकिशोरजी अग्रवाल, डॉ. रवीन्द्र वाघमारे, सुभाष नरसिंगदास राठी, विशाल सुरेखा, राजेंद्र वर्मा, अनुराग तरडेजा, सतीश राजपुरिया, सुभाष चतरभुजजी राठी, लक्ष्मीकान्त खंडेलवाल, सुरेश जयकिशन राठी, श्रीकिसन व्यास, संजय अग्रवाल (तलवेल), नरेश तिवारी, गोकुल गग्गड, विजय अग्रवाल ( मामा), मनोज नावंदर, डॉ. हेमंत मुरके, किशोर गोयनका, जुगलकिशोर गट्टनी, पुरुषोत्तम मूंदडा, प्रा. मुकेश लोहिया, बंकटलाल राठी, डॉ. रवि खेतान, अनिल नरेडी, विनोद सरकीवाले, सुनील अ. अग्रवाल, अनिल कपबशी, विजूभाईजी खंडेलवाल, किरण सामरा, अजय मंत्री, अजय चौधरी, महानगर चेंबर अध्यक्ष सुरेश जैन, एड. रामपाल कलंत्री, गोपाल बजाज, मनीष खंडेलवाल, अमित मंत्री, कमलकिशोर मालाणी, एड. नंदकिशोर कलंत्री, विमल शाह, विशाल राठी, सुनील न. अग्रवाल, धनंजय अग्रवाल, श्याम शर्मा (रक्तदान), रमेश मुरके, शांतिलाल कलंत्री, उमेश चांडक, वीरेन्द्र शर्मा, डॉ. रवि कासट, विजय खंडेलवाल (वीर हनुमान), संजय बत्रा, डॉ.संदीप दानखडे, अनिल तरडेजा, सूरज तलडा, वरुण मालू, श्यामसुंदर बख्तार, विजय गोटी, युवा उद्यमी ऋषी रा. अग्रवाल, प्रवीण अलसपुरे, अजय कलसकर, डॉ. चंदू सोजतिया, अश्विन डेंबला, नाना राऊत, राजू चूडीवाला, सुभाष राठी (सर्जिको), दर्शन कलंत्री, अजय चौधरी, सतीश राजपुरिया, उर्मिला कलंत्री, सोनाली राठी, अनुश्री लोहिया, प्रीति कलंत्री, प्रीति भट्टड, शिवानी राठी, दयासागर अस्पताल की प्रशासक सिस्टर जीना, अधीक्षक डॉ. रचिता, डॉ. रोज पॉल, सिस्टर अभया जोस, सिस्टर रिया, सिस्टर शोभना, नर्सिंग अधीक्षक सिस्टर जिन्सी जॉर्ज, सिस्टर अनुपा, सिस्टर मैरी जीस, सिस्टर विनीता ग्रेस, सिस्टर नमीता सहित बडी संख्या में नगर के गणमान्य और समाजसेवी इस समय न केवल उपस्थित रहे. अपितु अनिल अग्रवाल मित्र परिवार के अस्पताल को उपयोगी उपकरण देने के कारज की बडी प्रशंसा भी उपरोक्त सभी ने की.

नई उम्मीद और उर्जा देगा यह सहयोग
अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रचिता ने कहा कि अस्पताल को आवश्यक उपकरणों का योगदान कर अनिल अग्रवाल मित्र परिवार ने यहां सेवा देने वाले सभी लोगों को नई उम्मीद और नई उर्जा दी हैं. उदार और मानवीय विचारों से प्रेरणा मिलती हैं. सत्कार्यो को प्रोत्साहन देने से निश्चित ही बेहतरीन वातावरण बनता हैं. यह अस्पताल 100 बेड का हैं. यहां 190 लोग कार्यरत हैं. अभी भी 75-100 रुग्ण दाखिल हैं. रोज अस्पताल की ओपीडी में 150 से अधिक रुग्णों की जांच होती हैं. उसी प्रकार अनेक बीमारियों के उपचार का हम लोगों का प्रयत्न हैं. इस प्रकार के सहयोग और सहायता से निश्चित ही हमारा भी सेवा भाव बढ जाता हैं. आरंभ में अस्पताल की सिस्टर जीना, डॉ. रचिता, डॉ. रोज पॉल और अन्य सिस्टर्स का स्वागत किया गया. संचालन और आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के संयोजक रामेश्वर गग्गड ने किया.

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