अमरावती

समाज कल्याण के विद्यार्थियों के लिए डीबीटी

शालेय गणवेश, जूते, रेनकोट के लिए 2600 रुपए का प्रावधान

अमरावती/दि.11- सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत शासकीय छात्रावास व निवासी शाला के विद्यार्थियों को साहित्य की रकम अब उनके आधार संलग्नित बैंक खाते में जमा की जाने वाली है.
सामाजिक न्याय व विशेष सहाय्य विभाग द्वारा इस संदर्भ में प्रारुप तैयार किया गया है. शालेय गणवेश, पी.टी. गणवेश, जूते व रेनकोट अब विद्यार्थियों को निश्चित की गई रकम में खुद की इच्छा से करना पड़ेगा. इसके लिये विद्यार्थियों के बैंक खाते में इन चार वस्तुओं के लिये 2647 रुपए (डीबीटी के तहत)जमा किये जायेंगे. शासनस्तर पर सीधा लाभ हस्तांतरण प्रक्रिया पर अधिक जोर दिया जा रहा है. संबंधित विभाग अंतर्गत इसके पूर्व शासकीय ठेकेदार के जरिए यह वस्तुएं मंगवाकर विद्यार्थियों को वितरित की जाती थी. लेकिन विद्यार्थियों को मिलने वाली इन वस्तुओं के दर्जे बाबत शिकायतें आयी थी. लेकिन अब इस समस्या को दूर किया गया है. छात्रावास और शासकीय निवासी शाला के विद्यार्थियों को उनका पसंदीदा साहित्य खरीदी करते आयेगा. पारदर्शिता रहने की दृष्टि से यह योजना तैयार की गई है. विद्यार्थियों की सुविधा बाबत वर्ष 2022-23 के लिये यह निर्णय लिया गया है. चप्पल-जूते के लिये 285 रुपए, शालेय गणवेश के लिये 926 रुपए, पीटी गणवेश के लिये 926 रुपए तथा रेनकोट के लिये 491 रुपए ऐसे कुल 2647 रुपए विद्यार्थियों को बैंक खाते के जरिये मिलने वाले हैं. इसके लिये अब छात्रावास, निवासी शाला के विद्यार्थियों को आधार संलग्नित बैंक खाता पहले खोलना पड़ेगा. विद्यार्थियों द्वारा खरीदी किये गये वस्तुओं के बिल गृहपाल, गृहप्रमुख, शाला के मुख्याध्यापक को दिये जाने के बाद भी डीबीटी अंतर्गत नकद रकम उनके खाते में जमा करने की व्यवस्था की गई है.
शासकीय छात्रावास, निवासी आश्रमशाला में प्रवेशित विद्यार्थियों को पहली किस्त में देय रही रकम में से 60 प्रतिशत रकम आधार संलग्नित बैंक खाते में जमा की जाएगी. विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किये बिल को देखने के बाद बकाया 40 प्रतिशत रकम दूसरी किश्त के रुप में बैंक खाते में जमा की जाने वाली है.

विद्यार्थियों के हित के लिये निर्णय
विद्यार्थियों के हित की दृष्टि से शासन द्वारा लिये निर्णय के मुताबिक समाज कल्याण विभाग की तरफ से अमल किया जा रहा है.
– सुनील वारे, प्रादेशिक उपायुक्त, समाज कल्याण विभाग

बारिश के बाद रेनकोट का प्रावधान?
पारदर्शिता रहने की दृष्टि से सामाजिक न्याय विभाग द्वारा डीबीटी की रकम विद्यार्थियों को चालू शैक्षणिक वर्ष के लिये देना निश्चित हुआ है. शीतकाल को ध्यान में रखते हुए रेनकोट की बजाय स्वेटर लेने का प्रावधान लाभदायक साबित हुआ होता, ऐसा अनेक लोगों का कहना है.

Related Articles

Back to top button