चांदूर बाजार में मां-बेटे की खुन से लथपथ लाशें मिली
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हत्या या आत्महत्या को लेकर संदेह
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दोनोें के गले ब्लेड से कटे पाये गये
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यवतमाल के आर्णी तहसील निवासी थे मां-बेटे
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चांदूर बाजार में हुई संदेहास्पद मौत को लेकर जबर्दस्त संदेह
अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – समीपस्थ चांदूर बाजार स्थित गुलाबराव महाराज नगर में सोमवार की देर शाम एक महिला व एक आठ वर्षीय बच्चे की रक्तरंजीत लाशें बरामद हुई. इन दोनोें लाशों के गले किसी धारदार हथियार से काटे गये थे और अत्याधिक रक्तस्त्राव होने की वजह से इन दोनों की मौत हो गयी. हालांकि इस बात को लेकर जबर्दस्त संभ्रम है कि, इन दोनों मां-बेटे ने आत्महत्या की है, या उनकी हत्या की गई है.
दोनों की लाशें बरामद होने के बाद पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच में पता चला कि, मृतक महिला और बच्चा रिश्ते में मां-बेटे है और वे यवतमाल जिले के आर्णी तहसील अंतर्गत वरूड गांव निवासी है. साथ ही उनका चांदूर बाजार से कोई वास्ता भी नहीं है. ऐसे में सबसे बडी गुत्थी और पेचिदगी यह है कि, आखिर ये दोनों यवतमाल जिले की आर्णी तहसील से अमरावती जिले की चांदूर बाजार तहसील तक क्यों पहुंचे, और यहां आने के बाद आखिर उनके साथ क्या हुआ. यद्यपि फिलहाल पुलिस यह मानकर चल रही है कि इस महिला ने पहले अपने ही हाथों ब्लेड से अपने बेटे का गला काटा, और उसके बाद वहीं ब्लेड अपने गले पर चलाते हुए खुदकुशी कर ली, लेकिन इस मामले में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इन दोनों मां-बेटे की हत्या किये जाने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आर्णी तहसील के वरूड गांव निवासी माधुरी गजानन चिंगनगुडे नामक 35 वर्षीय महिला सहित उसके आठ वर्षीय पुत्र ऋषी गजानन चिंगनगुडे के शव गुलाबराव महाराज नगर स्थित एक घर के मुख्य दरवाजे के सामने सोमवार की शाम 7 बजे बरामद हुए. मृतकों के शव के पास एक मोबाईल सहित बडी मात्रा में ब्लेड के पत्ते भी पाये गये. पश्चात पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच में पता चला कि, मृतक महिला के अब तक दो विवाह हो चुके थे और पहले पति से उसे दो बेटे हुए थे, जो पैदाईशी विकलांग थे. जिसमें से एक बेटे की इससे पहले चार वर्ष की आयु में मौत हो चुकी है. वहीं मूकबधीर रहनेवाला दूसरा बेटा इस महिला के साथ ही रहता था. पश्चात इस महिला ने दूसरी शादी की, लेकिन दूसरी शादी भी ज्यादा समय तक नहीं टिकी और वह दूसरे पति की हरकतों से तंग आकर यवतमाल जिले के नेर में अपने भाई के घर के पास किराये का कमरा लेकर रहने लगी थी. ऐसे में फिलहाल यह सबसे बडा सवाल है कि, चांदूर बाजार से कोई वास्ता नहीं रहने के बावजूद यह महिला अपने बेटे के साथ चांदूर बाजार क्यों पहुंची, और यहां उनके साथ किस तरह की घटना पेश आयी.
दारव्हा में बरामद हुआ सुसाईड नोट
चांदूर बाजार में मां-बेटे का शव पाये जाने के बाद जहां एक ओर चारोें तरफ जबर्दस्त सनसनी मची हुई थी, वहीं दूसरी ओर पुलिस दोनों मृतकों की शिनाख्त करते हुए उनके बारे में जानकारी निकालने का प्रयास कर रही थी. मौके से बरामद हुए मोबाईल फोन के जरिये कुछ नंबरों पर फोन लगाते हुए पुलिस ने इस महिला के घर परिवार के लोगों से संपर्क साधा, तब पता चला कि, इस महिला ने दारव्हा निवासी अपने एक परिचित के पास अपना सुसाईड नोट छोडा है. जिसमें उसने अपनी बहन को संबोधित करते हुए लिखा है कि, उसके घर के बर्तन-भांडे और सामान बेचकर बहन उन पैसों को अपने पास रख ले. साथ ही ऋषी की साईकिल को किसी अनाथाश्रम में दे दिया जाये. साथ ही मृतक महिला ने अपने द्वारा उठाये जानेवाले कदम के लिए सभी से माफी भी मांगी है.
आत्महत्या की थ्यौरी पच नहीं रही
यद्यपि पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच में इस महिला की ओर से लिखा गया सुसाईड नोट भी बरामद हो चुका है, लेकिन अपराधिक घटनाओं पर पैनी नजर रखनेवाले जानकारों का मानना है कि, इस घटना के तथ्य किसी अलग ही ओर इशारा कर रहे है. सबसे बडा सवाल तो यह है कि, चांदूर बाजार से कोई वास्ता नहीं रहने के बावजूद इस महिला ने अपने व अपने बेटे की मौत के लिए चांदूर बाजार को ही क्यों चुना. मृतक महिला के पास बरामद हुए सामान में चांदूर बाजार बस की टिकट भी पायी गयी है. जिसके जरिये पुलिस इस बात की खोजबीन कर रही है कि, यह महिला चांदूर बाजार कब पहुंची थी. सबसे बडा तथ्य यह है कि, रेजर यानी ब्लेड के जरिये गला एकदम से नहीं कटता, बल्कि किसी का गला काटने के लिए उसे ब्लेड से काफी देर तक रेतना पडता है. ऐसे में कोई मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि, ब्लेड के जरिये अपने बेटे का गला ब्लेड इत्मिनान से काटती रहे. साथ ही कोई व्यक्ति ब्लेड से अपना खुद का गला भी काटकर भी खुदकुशी करे, यह थ्यौरी भी किसी के गले नहीं उतर रही, क्योंकि खुदकुशी की मानसिकता में रहनेवाला व्यक्ति अमूमन ब्लेड से अपनी कलाई की नसों को काटता है. सबसे बडा सवाल यह है कि, ये दोनों शव शाम 7 बजे बरामद हुए और इनकी मौत हुए करीब एखाद घंटा हो चुका था. जिसका सीधा मतलब है कि, इन दोनों की मौत साढे पांच से छह बजे के दरम्यान दिन के उजाले में हुई. ऐसे में इसे लेकर भी शंका उपस्थित हो रही है कि, अगर यह खुदकुशी है, तो किसी ने इस महिला को अपना व अपने बेटे का गला काटते हुए क्यों नहीं देखा. और यदि यह हत्या का मामला है, तो महिला व उसके बेटे के साथ उपस्थित किसी अन्य व्यक्ति को भी मौकाए वारदात पर क्यों नहीं देखा गया. ऐसे में यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि, कही ऐसा तो नहीं कि, इन मां-बेटे को कहीं अन्य मौत के घाट उतारा गया और उन्हें सोमवार की शाम चांदूर बाजार के गुलाबराव महाराज नगर में एक घर के सामने खाली पडी जमीन पर लाकर डाल दिया गया. बहरहाल चांदूर बाजार पुलिस इस मामले की सघनता के साथ जांच कर रही है.
‘उस’ वक्त बिजली गुल थी
इस वारदात के बाद अब जो जानकारियां सामने आ रही है, उसके मुताबिक जिस समय यह महिला और उसका बेटा रक्तरंजीत अवस्था में पडे पाये गये, तब इस परिसर की बिजली गुल थी और यहां पर काफी अंधेरा था. इस समय कुछ लोगों ने एक व्यक्ति को अपने दुपहिया पर सवार होकर बदहवास अवस्था में भागते देखा. पश्चात शंका होने पर जब कुछ लोग उस दिशा में गये तो, वहां यह महिला और उसका बेटा लहुलूहान पडे हुए थे. उस समय इनकी सांसे चल रही थी. इस बात की जानकारी पुलिस को देने के साथ ही दोनों को तुरंत ग्रामीण अस्पताल में भरती कराया गया, लेकिन वहां पर महज कुछ मिनटों के भीतर ही इन मां-बेटे की मौत हो गयी. ऐसे में पुलिस अब इस एंगल को भी ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है.