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बेलोरा से नियमित उडान की टली डेड लाइन

अब सितंबर अक्तूबर की तारीखें

* अधिकारी ने ही कहा अब से डेढ माह कम से कम
अमरावती /दि.13- अमरावती के संभाग मुख्यालय रहने के बावजूद एवं प्रमुख कपास, संतरा उत्पादक क्षेत्र रहने पर भी बडे औद्योगिक विकास में कथित रूप से बाधा बने बेलोरा विमानतल के ऑपरेटिव होने की 15 अगस्त की डेड लाइन पुन: टलने वाली है. सूत्रों ने अमरावती मंडल को बताया कि एटीसी टॉवर और टर्मिनल बिल्डिंग का पूरा काम होने में अभी कम से कम डेढ माह का समय लगेगा. उधर दिल्ली से संबंधित विभाग की स्वीकृति का भी प्रश्न हैं. छोटे और मंझौले विमान की नियमित बडे शहरों की उडान का प्लान कम से कम अक्तूबर माह में दिवाली से पहले साकार होने की संभावना सूत्रों ने व्यक्त की. यह वहीं सूत्र है जो कहीं न कहीं विमान तल के ग्राउंड लेवल के काम में जुटे हैं.
* अधिकारी ने बताया
बेलोरा विमानतल से छोटे विमानों की नियमित उडान के लिए जुलाई माह की डेड लाइन एयरपोर्ट अथारिटी की अधिकारी स्वाती पांडे ने दी थी. इसी विषय में आज दोपहर बात करने पर अधिकृत सूत्रों ने अमरावती मंडल को बताया कि जुलाई तो छोडिए 15 अगस्त तक भी कार्य पूर्ण नहीं होनेवाले. विमानों की उडान के लिए सितंबर तक इंतजार करना होगा.
* एटीसी टावर के अंदर के कार्य
एटीसी टावर और विमानतल की टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर के कार्य चल रहे हैं. इन निर्माण कार्य और फिनिशिंग वर्क को 40-45 दिन अभी लग सकते हैं. उसके बाद विमान तल प्राधिकरण को इसका हस्तांतरण होगा. उपरांत दिल्ली विमानन मंत्रालय व विभाग से मंजूरी लेनी होगी. संबंधित अधिकारी बेलोरा पहुंचकर विमानों में उडान भरकर परीक्षण करेंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्य आगे बढेगा. फिर
दिलचस्पी रखनेवाली एयर लाइन से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे.
* सितंबर अंत तक पूरा होगा काम
विमानतल के निर्माण कार्यो में जुटे लोगों ने बताया कि काफी काम बाकी है. सितंबर एंड तक यह काम होने की संभावना उन्होंने व्यक्त की. जिससे गणेशोत्सव में अमरावती विमानतल से छोटे विमानों की नियमित उडानें संभव नहीं होगी, ऐसी बात सूत्रों ने कहीं. यह भी कहा कि छोटे विमानों की नियमित उडानों को संचालित करने पर्याप्त स्टॉफ अभी बेलोरा में अपाइंट नहीं किया गया है.

* राजनेता जब, तब करते दावे
अमरावती के राजनेता यहां के लोगों को पिछले 20 वर्षो से बेलोरा से उडान का स्वप्न दिखा रहे हैं. कई बार डेड लाइन दी जा चुकी है. विमानतल विकास के लिए फंड लाने के दावे भी बहुतेरे नेतागण बारंबार कर चुके हैं. अभी 15 अगस्त की समय सीमा टल गई हैं. नेता लोग एक दूसरे पर तोहमते लगाने का शगल पूरा करेंगे.

* टाटा को सौंपी जमीन, मैप के बाद कार्य
बेलोरा हवाई अड्डे के पास ही महाराष्ट्र विमानन कंपनी ने टाटा की कंपनी के साथ अनुबंध किया है. पिछले माह यहां एशिया के सबसे बडे पायलट प्रशिक्षण केंद्र हेतु 10 एकड जमीन भी सौंप दी है. आगे की कार्यवाही के विषय में एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी प्रस्तावित भवनों के नक्शे और डिजाइन एयरपोर्ट अथारिटी को सौंपेगी. उन्हें पास करने के बाद ही आगे का कार्य होगा. इन्हीं अफसर ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए अन्य सुविधा के साथ ही फ्लाइट हैंडल होस्टर व ट्रेनिंग क्षेत्र बनाया जायेगा. होस्टल और प्रशासनिक कामकाज के लिए भवन का निर्माण होगा. आगामी अप्रैल से पायलट प्रशिक्षण शुरू किया जाना है. इस बात का करार में उल्लेख हैं. जिससे अगले महीने भर में इमारतों का निर्माण टाटा की कंपनी प्रारंभ कर देगी, ऐसी संभावना बताई गई है. प्रत्येक दो वर्ष में 180 पायलट इस ट्रेनिंग सेंटर से तैयार किए जाने हैं. इससे अमरावती और बडनेरा का इको सिस्टम बढेगा, इसमें दो राय नहीं.

* विमान तल का औद्योगिक विकास से संबंध
एयरपोर्ट के एक्टीव होने से अमरावती में कपास, संतरा और अन्य फसलों पर आधारित बडे उद्यम आने की संभावना इस क्षेत्र के जानकार वर्षो से बता रहे हैं. अमरावती में पीएम मित्र प्रकल्प भी मंजूर हुआ है. जिसके लिए देश- विदेश की बडी कंपनियों से प्रकल्प लगाने राज्य सरकार अनुरोध कर रही हैं. राज्य शासन का क्षेत्र में रोजगार बढाने के लिए उद्योगों की स्थापना पर बल हैं. कंपनियां अधोसंरचना के साथ ही एयर कनेक्टिविटी देखती हैै. विमान सेवा वाली जगहों को वरियता दी जाती है. प्रस्तावित पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क बेलोरा विमानतल से महज 25 किमी फासले पर विकसित होना है. उसके लिए जमीन अधिग्रहण पश्चात आगे की प्रक्रिया चल रही है. वहां सडके, पानी, बिजली की व्यवस्था एमआयडीसी ठेका पध्दति से करवा रही है.

 

 

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