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डॉ. रवि भूषण पर जानलेवा हमला

इर्विन अस्पताल में 15 लोगों की भीड ने घेरकर किया हमला

* जान से मार देने के इरादे से जमीन पर गिराकर गर्दन, छाती, व पेट पर बरसाये लात-घूसे
* पूरी वारदात हुई सीसीटीवी कैमरे में कैद, कोतवाली पुलिस कर रही आरोपियों की तलाश
अमरावती /दि.16- कोविड संक्रमण काल के दौरान किसी फरिश्ते की तरह काम करते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों की जान बचाने वाले कोविड योद्धा डॉ. रवि भूषण पर बीती रात कुछ असामाजिक तत्व ने जानलेवा हमला किया और डॉ. रवि भूषण को घेरकर निशाना बनाते हुए उन्हें जान से मार देने के इरादे से उन्हें जमीन पर गिराकर उनकी गर्दन, सिर, छाती, पेट व पीठ पर लात-घूसों से बुरी तरह प्रहार किये गये. साथ ही साथ उनके कपडे भी फाड दिये गये. सुनियोजित तरीके से की गई इस मारपीट में डॉ. रवि भूषण के शरीर पर काफी चोटें आयी है. यह घटना बीती रात 12.30 बजे के आसपास इर्विन अस्पताल परिसर में घटित हुई. जब डॉ. रवि भूषण वार्ड क्रमांक 30 में भर्ती मरीजों को देखकर बाहर निकल रहे थे. इस समय इर्विन अस्पताल के सुरक्षा रक्षकों द्वारा किये गये हस्तक्षेप की वजह से डॉ. रवि भूषण की जान जैसे-तैसे बच पायी. पश्चात उन्होंने तुरंत ही कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर कोतवाली पुलिस ने 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विगत 15 वर्षों से इर्विन अस्पताल में प्रथम श्रेणी मेडिकल ऑफिसर के रुप में तैनात डॉ. रवि भूषण 15 मई की सुबह 9 बजे से 16 मई की सुबह 9 बजे तक कॉल ऑन फिजिशियन की ड्यूटी पर थे. 15 व 16 मई की दरम्यानी रात करीब 12 बजे के आसपास उन्हें सीएमओ डॉ. गेडाम ने फोन करते हुए वार्ड क्रमांक-30 में तीन मरीजों के सिरियस रहने की जानकारी दी, तो डॉ. रवि भूषण तुरंत ही अस्पताल पहुंचे और उन्हें वार्ड क्रमांक-30 में भर्ती उन तीनों मरीजों की स्वास्थ्य जांच करते हुए मेडिकल स्टाफ को आवश्यक निर्देश भी दिये. इस समय वार्ड में मरीजों के परिजनों सहित अन्य लोगों की काफी भीडभाड थी. जिसकी वजह से मेडिकल स्टाफ को काम करने में काफी मुश्किलें आ रही थी. यह देखकर डॉ. रवि भूषण ने वार्ड में बिना वजह खडे लोगों को वार्ड से बाहर निकल जाने हेतु कहा. इसी वार्ड के बगल में स्थित वार्ड क्रमांक-16 में आसिफ अली नामक एक मरीज भर्ती था. जिसके साथ करीब 10 से 15 लोग वार्ड में ही मौजूद थे. जिन्हें डॉ. रवि भूषण द्वारा वार्ड से बाहर निकल जाने हेतु कहना बुरा लग गया और उन्होंने इसी बात को लेकर वार्ड में ही डॉ. रवि भूषण के साथ हुज्जतबाजी करनी शुरु की. साथ ही जब डॉ. रवि भूषण वार्ड से बाहर निकलकर अपने दुपहिया वाहन के पास पहुंचे, तो उन्हीं 10-15 लोगों ने उनके दुपहिया वाहन के चारों ओर खडे रहते हुए उन्हें घेर लिया और उसमें से किसी एक व्यक्ति ने डॉ. रवि भूषण के दुपहिया वाहन की चाभी निकालकर अपने पास रख ली. इसी समय डॉ. रवि भूषण के ठीक पीछे खडे एक युवक ने अचानक ही डॉ. रवि भूषण को पीछे से एक जोरदार तमाचा मारा. जिसके बाद डॉ. रवि भूषण अपने दुपहिया वाहन से नीचे उतरे और उन्होंने खुदको तमाचा मारने वाले युवक की कॉलर पकड ली. यह देखते ही उस युवक के साथ मौजूद अन्य लोगों ने डॉ. रवि भूषण को घेरकर उनकी लात-घूसों से पिटाई करनी शुरु कर दी. साथ ही उन्हें जमीन पर गिराकर उनके कपडे तक फाड दिये गये. वार्ड के बाहर हो रहे इस हंगामें की ओर ध्यान जाते ही अस्पताल के सुरक्षा रक्षक तुरंत उस ओर दौडे तथा माजरा समझ में आते ही उन्होंने बीचबचाव करते हुए डॉ. रवि भूषण को उन 10-15 लोगों के चंगुल से जैसे-तैसे छुडाया. जिस समय सुरक्षा रक्षक डॉ. रवि भूषण को अपने साथ लेकर वार्ड की ओर बढ रहे थे, तब उन 10-15 लोगों मेें से कुछ लोगों ने एक बार फिर डॉ. रवि भूषण पर धावा बोलने का प्रयास किया. इस समय तक इर्विन अस्पताल परिसर में तैनात दो पुलिस कर्मी भी मौके पर पहुंच गये थे. जिन्होंने डॉ. रवि भूषण को हमलावरों के चंगुल से बचाते हुए कैज्युअल्टी वार्ड के भीतर पहुंचाया.
इस घटना के बाद डॉ. रवि भूषण ने तुरंत ही जिला सामान्य अस्पताल के अपने वरिष्ठ अधिकारियों सहित आईएमए की अमरावती शाखा के कुछ पदाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर कोतवाली पुलिस ने 10 से 15 अज्ञात आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 307, 353, 332, 143, 147, 149, 323, 504 व 506 (2) तथा मपोका की धारा 135 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरु की.

* डीसीपी शिंदे व एसीपी बचाटे भी पहुंचे इर्विन अस्पताल
जानकारी के मुताबिक देर रात इस वारदात की सूचना मिलते ही शहर पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे तथा सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी बचाटे भी इर्विन अस्पताल परिसर में पहुंचे. जहां पर दोनों अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को लेकर पूरी जानकारी लेते हुए कोतवाली थाने को भेंट दी तथा वहां पर शिकायत दर्ज कराने हेतु उपस्थित डॉ. रवि भूषण से बातचीत करते हुए पूरा माजरा जाना. जिसके बाद दोनों पुलिस अधिकारियों ने कोतवाली पुलिस को मामले में कार्रवाई करने हेतु आवश्यक निर्देश जारी किये.

* सीपी रेड्डी भी रात में ही हुए अलर्ट
पता चला है कि, जिस समय यह वारदात घटित हुई, तब इर्विन अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात कोतवाली थाने के दो पुलिस कर्मियों ने इसे दो गुटों के बीच हुई झडप माना था तथा हमलावरों को रोकने की बजाय डॉ. रवि भूषण को ही कथित तौर पर जमकर हडका दिया था. संभवत: यह दोनों पुलिस कर्मी डॉ. रवि भूषण को पहचान ही नहीं पाये थे, बल्कि उनमें से एक पुलिस कर्मी कुछ देर पहले ही हमलावरों की भीड में शामिल एक व्यक्ति के साथ हाथ मिलाते हुए अच्छे से बातचीत कर रहा था. ऐसे में खुद पर हुए हमले के बाद अपने साथ पुलिस कर्मियों द्वारा किये जाते व्यवहार से हैरत में आये डॉ. रवि भूषण ने तुरंत ही शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी को फोन लगाकर मामले की जानकारी दी. जिसके बाद सीपी रेड्डी ने तुरंत ही डीसीपी शिंदे व एसीपी बचाटे को मौके पर रवाना करते हुए कोतवाली पुलिस के अधिकारियों को फोन लगाकर मामले में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये. साथ ही सीपी रेड्डी ने देर रात तक अलट रहते हुए इस मामले में कोतवाली पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर अपडेट भी हासिल किया.

* सीसीटीवी फूटेज के आधार पर चल रही आरोपियों की तलाश
उल्लेखनीय है कि, बीती रात 12.30 बजे के आसपास डॉ. रवि भूषण पर हुए हमले की यह पूरी वारदात इर्विन अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. जिसके आधार पर अब कोतवाली पुलिस द्वारा डॉ. रवि भूषण पर हमला करने वाले आरोपियों की शिनाख्त करने के साथ ही उनकी तलाश भी की जा रही है.

* रात में कोतवाली थाने पर लगा डॉक्टरों का डेरा
कोविड योद्धा के तौर पर काम कर चुके डॉ. रवि भूषण पर हुए इस कायराना हमले की जानकारी मिलते ही आईएमए के कई पदाधिकारियों सहित शहर के कई डॉक्टर रात में ही कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे. इस समय तक डॉ. रवि भूषण से परिचित रहने वाले और उनके प्रति अपने मन में सम्मान रखने वाले शहर के कई गणमान्य नागरिक भी कोतवाली पुलिस थाने पहुंच चुके थे. सभी ने डॉ. रवि भूषण पर हुए इस कायराना हमले की कडे शब्दों में भर्त्सना करते हुए डॉ. रवि भूषण पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग उठाई. इस मांग को लेकर एक तरह से सभी लोगों ने कोतवाली थाने का घेराव भी किया. जिसके चलते पहले इस मामले में कार्रवाई करने को लेकर टाल-मटोल करने वाली कोतवाली पुलिस को आखिरकार संगीन धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करना पडा.

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