अमरावती

जानलेवा नायलॉन मांजे से कट सकती है जिंदगी की डोर

विक्री, संग्रह व प्रयोग पर है प्रतिबंध

* मनपा, राजस्व व पुलिस के पथक गठित
अमरावती/ दि.14 – विगत कुछ वर्षों से पतंगबाजी में नायलॉन मांजे का प्रयोग काफी धडल्ले से किया जा रहा है. जबकि यह मांजा पशू, पक्षियों सहित इंसानों के लिए कई बार जानलेवा साबित हो चुका है और इस मांजे की वजह से कई हादसे घटित हो चुके है. जिसके चलते इस नायलॉन मांजे के उत्पादन, विक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी इस मांजे की चोरी-छिपे तरीके से विक्री होती है. ऐसे में मकर संक्रांति के पर्व पर होने वाले इस मांजे के प्रयोग को रोकने हेतु मनपा, राजस्व एवं पुलिस महकमे के पथक गठित किये गए है. जिनके व्दारा नायलॉन मांजे की विक्री पर नजर रखने के साथ ही इसका प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि, दूसरी पतंगों की डोर को कांटने हेतु प्रयोग में लाये जाने वाले नायलॉन मांजे की वजह से पतंगों की बजाय कई लोगों के जीवन की डोर कट चुकी है. इस मांजे की चपेट में आकर अब तक कई पशू, पक्षियों व इंसानों की जान जा चुकी है. साथ ही कई लोग इस मांजे की वजह से गंभीर रुप से घायल हो चुके, लेकिन इसके बावजूद इस प्रतिबंधित मांजे की विक्री और प्रयोग पर कोई खास असर नहीं पडा. चुकि इस समय मंगर संक्रांति का पर्व रहने के चलते जमकर पतंगबाजी चल रही है. ऐसे में नायलॉन मांजे के प्रयोग को रोेकने हेतु प्रशासन व्दारा तमाम आवश्यक कदम उठाए जा रहे है. जिसके तहत जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित नायलॉन मांजे का प्रयोग व विक्री करने वाले लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है. ऐसे में प्रतिबंधित नायलॉन मांजे की विक्री करने वाले व्यक्ति से 1 लाख रुपए का दंड वसूल किया जाएगा. इस आदेश के चलते मनपा की पथक ने गुरुवार को ही बापटवाडी परिसर से पांच रिल प्रतिबंधित नायलॉन मांजा जब्त किया और संबंधित दुकानदार पर 1 लाख रुपए का दंड लगाया.

पशू, पक्षियों सहित इंसानों को खतरा
– पतंगबाजी में नायलॉन मांजे का प्रयोग करने से कई बार इंसानों सहित कई पशू, पक्षी जख्मी हुए हैं.
– इस मांजे की चपेट में आने की वजह से पक्षियों की गर्दन व पंख तथा इंसानों व पशुओं के कई अंगों की त्वचा कट जाती है. जहां पर गहरा जख्म हो जाता है.
– अगर इस मांजे का आँखों से स्पर्श होता है, तो आँखों पर गहरी जख्मी होकर आँखे खराब होने का खतरा होता है. अगर इस मांजे की वजह से गर्दन पर जख्म होकर रक्तवाहिनी कट जाती है, तो जान जाने का भी खतरा होता है. इससे पहले ऐसी कई घटनाएं घटित हो चुकी है.

नायलॉन मांजे की स्टॉकिंग व विक्री पर प्रतिबंध
राष्ट्रीय हरित लवाद व उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नायलॉन मांजे की विक्री व विपणन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इस मांजे का उत्पादन, विक्री हेतु ढुलाई तथा विक्री करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 3 से 5 वर्ष की सजा और सजा के साथ ही 1 लाख रुपए के आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है.

पुलिस व मनपा पथको की नजर
शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी व मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने स्वतंत्र तौर पर आदेश जारी करते हुए नायलॉन मांजे पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने हेतु पथक गठित किये है.
पुलिस एवं मनपा पथकों के साथ-साथ राजस्व विभाग व्दारा भी नायलॉन मांजे की विक्री व ढुलाई पर नजर रखी जा रही है.

नायलॉन मांजे के उत्पादन, स्टॉकिंग, विक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध लगा हुआ है. ऐसे में 4 से 31 जनवरी तक शहर क्षेत्र के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गए है. साथ ही प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये जा चुके है.
– नवीनचंद्र रेड्डी,
शहर पुलिस आयुक्त.

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अमरावती मनपा क्षेत्र में प्रतिबंधित नायलॉन मांजे की विक्री व प्रयोग को रोकने हेतु आवश्यक उपाय किये जा रहे है. इसके तहत जिन-जिन प्रतिष्ठानों के जरिये नायलॉन मांजे की विक्री का संदेह है, उन सभी प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है. साथ ही पतंगबाजी में नायलॉन मांजे का प्रयोग करने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है.
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आयुक्त व प्रशासक, अमरावती मनपा.

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