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मूक बधिरोें ने की आनंद अभिव्यक्ति

राजकमल चौक पर जल्लोष

* महाराष्ट्र में दिव्यांग मंत्रालय मंजूर होने की खुशी
अमरावती/दि.30- प्रहार संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तथा विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के सतत प्रयासों से महाराष्ट्र में अलग से दिव्यांग मंत्रालय आरंभ करने के निर्णय पर पूरे प्रदेश में दिव्यांगजन आनंदित हो गए हैं. दो रोज बाद 3 दिसंबर को यह मंत्रालय कार्यरत हो जाएगा. ऐसे में प्रहार अपंग क्रांति संस्था से संबंधित महाराष्ट्र राज्य मूक बधिर दिव्यांग कल्याण संगठन की ओर से आज पूर्वान्ह राजकमल चौक पर मूक बधिर जनों ने आनंद व्यक्त किया. एक दूसरे को फूलों के गुलदस्ते दिए उसी प्रकार मुंह मीठा किया गया. इन लोगों ने बच्चू कडू के पोस्टर लहराकर उनके प्रति अनूठे अंदाज में आभार व्यक्त किया. कडू से वीडियो कॉल लगाकर अपने हर्षित चेहरे उन्हें दिखाए. कडू बारंबार सभी का हाथ जोडकर अभिवादन कर रहे थे.
हंसी खुशी के इन क्षणों में संस्था के तेजस उभाले, मो. तारीख अबुल, आदित्य इंगोले, रवींद्र धांडे, आकाश लुरुपकोण, संदीप भेले, नरेंद्र देशकर, देवीदास माहुलकर, रोशन लंबाडे, शेख गफ्फार, प्रकाश विसुफ, मनोज शिंदे, शेख कादर, स्वप्नील धोेंड, सुप्रती नाकट, अनिके ठाकरे, फिरोेज खान, प्रवीण बारब्दे, सागर चाहण, शेख निशाद, रोशन भानुदास, राजेश बारेकर, राजेंद्र कलसकर, उमेश धायडे, मंगेश बरोकर, समीर पावनकर, शेख अरबाज, वैभव चव्हाण, मो. शारीक, शेख इस्माइल, शेख कलीम, प्रवीण बाहे, सै. महमूद, सै. मसूद, शेख शरीफ, उमेश कलस्कर आदि अनेक की उत्साहपूर्ण उपस्थिति नजर आई.

* उनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना न था
राजकमल चौक पर अनेक प्रदर्शन, आंदोलन और हाल के वर्षो में शासन-प्रशासन के किसी निर्णय पर हर्ष व्यक्त करने के कार्यक्रम भी होते हैं. यह चौराहा ऐसे अनेक घटनाक्रम का साक्षी रहा हैं. बुधवार पूर्वान्ह हुए हर्ष व्यक्त करने वाले दिव्यांगों के कार्यक्रम की बात निराली रही. मूक और बधिर जनों ने अपने नेता के प्रति आभार और दिव्यांग मंत्रालय स्थापित होने की ऐतिहासिक घटना की खुशी को अपने ही अंदाज में व्यक्त किया. वे बोल नहीं सकते थे. अन्य दलों के कार्यकर्ताओं की तरह उंची आवाज में नारे-जयकारे नहीं लगा सकते थे. किंतु बच्चू कडू के प्रति कृतज्ञता और उनके महत प्रयासों से स्थापित होने जा रहे दिव्यांग मंत्रालय के निर्णय पर प्रसन्नता इन मूक बधिर जनों के मुख पर साफ नजर आ रही थी. अनेक देखने वालो के आंखों के पोर भीग गए थे.

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