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खतरे की घंटी, लगातार खतरनाक हो रही स्थिति
अमरावती/दि.24 – इन दिनों यद्यपि कोविड संक्रमितों की संख्या में कुछ हद तक कमी आयी है और हालात नियंत्रित होते दिखाई दे रहे है, लेकिन इन दिनों कोविड संक्रमण से होनेवाली मौतोें की संख्या में इजाफा होता देखा जा रहा है. जिसे खतरे की घंटी माना जा सकता है. विगत 1 फरवरी से 22 मार्च के दौरान 50 दिनों में 218 कोविड संक्रमितोें की इलाज के दौरान मौत हुई है. ऐसे में इसे कुछ हद तक खतरनाक स्थिति कहा जा सकता है.
बता दें कि, जिले में कोविड संक्रमण की वजह से सबसे पहली मौत विगत वर्ष 4 अप्रैल को हुई थी. पश्चात जारी वर्ष में 1 जनवरी तक 407, 1 फरवरी तक 417, 1 मार्च तक 519 और अब 22 मार्च तक 635 लोगों की कोविड संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है. विगत 4 अप्रैल से अब तक रोजाना औसतन 4 से 5 कोविड संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो रही है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण को हलके में लेना महंगा सौदा कहा जा सकता है और बुखार आने के बावजूद जांच में विलंब करना जानलेवा भी साबित हो सकता है.
ज्ञात रहें कि, जिले में 1 जनवरी के बाद अब तक 26 हजार 92 कोविड संक्रमित पाये जा चुके है. मरीजों की संख्या बढने के साथ ही दो प्रतिशत के आसपास रहनेवाली मृत्युदर अब घटकर 1.42 प्रतिशत पर पहुंच गयी है. किंतु मौतों के मामले लगातार बढ रहे है. इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती. स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक कई बार कोरोना संक्रमित मरीजों को कोविड टेस्ट करने की बजाय एचआरसीटी स्कैन जैसी महंगी जांच करने हेतु कहा जाता है. ऐसे में कोविड टेस्ट करवाने में विलंब होने पर जान जाने का खतरा बढ जाता है. यह खतरा अधिक आयुवाले लोगोें में काफी अधिक रहता है. ध्यान दिला दें कि, अब तक कोविड संक्रमण की वजह से जितने भी लोगों की मौत हुई है, उनमें 60 से 70 वर्ष आयुगुटवाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है.
त्रिसूत्री की बजाय अब पंचसूत्री
कोविड नियंत्रण हेतु अब तक प्रशासन द्वारा मास्क, सोशल डिस्टंसिंग व सैनिटाईजर का प्रयोग इस त्रिसूत्री का पालन करने को लेकर आवाहन किया जाता था, लेकिन अब इसमें कोविड टेस्ट व टीकाकरण का समावेश करते हुए प्रशासन द्वारा नागरिकों से पंचसूत्री नियमों का पालन करने का आवाहन किया जा रहा है.
टीकाकरण की गति बढाना जरूरी
60 वर्ष से अधिक आयुवाले बुजुर्ग एवं 45 वर्ष से आयुवाले बीमार लोगों का फिलहाल टीकाकरण किया जा रहा है. जिले में अब तक मृत हुए संक्रमितों में इसी आयुगुट के 80 प्रतिशत मरीजों का समावेश रहा. वहीं अब तक 60 वर्ष से अधिक आयुवाले 50 हजार 517 तथा 45 वर्ष से अधिक आयुवाले 8 हजार 46 नागरिकों का टीकाकरण हुआ है. टीकाकरण हेतु तय किये गये लक्ष्य की तुलना में यह प्रमाण बेहद कम है. ऐसे में टीकाकरण अभियान की गति बढाना बेहद जरूरी है.
मौत के आंकडे
1 जनवरी – 396
15 जनवरी – 407
1 फरवरी – 417
15 फरवरी – 439
1 मार्च – 521
15 मार्च – 605
22 मार्च – 635