अमरावती

मेलघाट में माता मृत्यु का प्रमाण बढा

छह महीनों में ५१ मौत

अचलपुर प्रतिनिधि/दि.९ – आदिवासी बहुल मेलघाट में माता मृत्यु का प्रमाण बढ रहा है. पिछले छह महीनों में शिशु को जन्म देते ही ५१ माताओं की मौत हो चुकी है. माता मृत्यु की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा बालविकास विभाग द्वारा हर साल करोडों रुपए खर्च किए जाते है. फिर भी स्थिति जस की तस है. मेलघाट में अनेक बालक जन्म लेते ही मौत की बली चढ जाते है. इस संदर्भ में राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने निओनॉटालॉजिस्ट तज्ञों की समिति का गठन किया था. आगे चलकर इस समिति का क्या हुआ किसी को नहीं पता चल पाया.
माता मृत्यु की रोकथाम के लिए पिछले कुछ वर्षो से मानव विकास शिबिर का भी आयोजन मेलघाट में किया जा रहा है. किंतु इस शिबिर का भी खास लाभ गर्भवती महिलाओं को मिलता नहीं दिखायी दे रहा है. आज भी मेलघाट के अतिदुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की बाल विकास विभाग द्वारा अनदेखी की जा रही है. बाल विकास विभाग की अनदेखी के चलते घरों में ही प्रसुति हो रही है. प्रसुति के पश्चात स्वास्थ्य केंद्रो पर पंजीयन किए जाने की जानकारी भी सामने आयी है. जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक कर्मचारी ने नाम न लिखने की शर्त पर यह जानकारी दी.
गर्भवती महिलाओं के लिए मेलघाट में शासन द्वारा विविध योजनाएं चलायी जाती है. जिसमें माहेर घर और मानव विकास शिबिर योजना महत्वपूर्ण है. फिर भी मेलघाट में हर साल अनेको माताएं प्रसुति के दौरान मौत के मुंह में चली जाती है. इस साल अक्तूबर महीने तक छह माताओं की मृत्यु की जानकारी समाने आयी है साथ ही जन्म लेते ही कुछ मिनटो बाद नवजात शिशुओ की भी मौत के आकडे सामने आए है. पिछले छह महीनों में ५१ माताओं की मौत प्रसुति के दरमियान होने की जानकारी प्राप्त हुई है.

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