अमरावतीमहाराष्ट्र

विधायक डॉ. जगन्नाथ ढोणे की मौत थी संदेहास्पद

पत्रवार्ता में पत्नी प्रा. डॉ. आशा ढोेणे ने जताया संदेह

* सीबीआई जांच की उठाई मांग, करोडों की प्रापर्टी के लिए हत्या का लगाया आरोप
अकोला/दि.22– पूर्व विधायक डॉ. जगन्नाथ ढोणे की 27 अक्तूबर 2020 को गीता नगर स्थित उनके आवास पर हुई मौत बेहद संदेहास्पद थी और डॉ. ढोणे की मौत के लिए परभणी के एक मौजूदा विधायक व अकोला जिले के दो पूर्व विधायकों सहित राकांपा शरद पवार गुट के एक नेता जिम्मेदार है. जिन्होंने डॉ. ढोणे की करोडों रुपए मूल्य की प्रॉपर्टी हडपने के लिए षडयंत्र रचा था तथा डॉ. ढोणे के हस्ताक्षर धोखे से प्रॉपर्टी के कागजों पर लिये गये थे. जिसके चलते डॉ. ढोणे काफी तनाव में थे और उसी तनाव की वजह से उनकी मौत हुई थी. इस आशय का आरोप दिवंगत पूर्व विधायक डॉ. जगन्नाथ ढोणे की पत्नी प्रा. डॉ. आशा ढोणे द्वारा पत्रवार्ता में लगाया गया.

गत रोज बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त सनसनीखेज आरोप लगाने के साथ ही प्रा. डॉ. आशा ढोणे ने कहा कि, डॉ. ढोणे के प्रियदर्शनी आदिवासी उत्कर्ष फाउंडेशन (नवेगांव) द्वारा संचालित पातुर स्थित डॉ. वंदनाताई जगन्नाथ ढोणे बीएएमएस महाविद्यालय को हडपने का प्रयास परभणी के विधायक राहुल पाटिल द्वारा किया जा रहा है. जिन्होंने अकोला के पूर्व विधायक गजानन दालू गुरुजी व तुकाराम बिडकर सहित राकांपा शरद पवार गुट के पदाधिकारी दिलीप आसरे के साथ मिली भगत करते हुए पूर्व विधायक डॉ. जगन्नाथ ढोणे के साथ धोखाधडी की थी. अपनी मृत्यु से दो दिन पहले डॉ. जगन्नाथ ढोणे अपनी संस्था व वैद्यकीय महाविद्यालय के संदर्भ में मुंबई स्थित धर्मांदाय आयुक्त कार्यालय गये थे और वहां से वापिस लौटने के बाद से वे लगातार तनाव में दिखाई दे रहे थे. जिसके बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने अपने साथ बहुत बडी धोखाधडी होने की बात कही थी. दूसरे दिन वे घर से बाहर गये और 4 घंटे बाद शाम को घर लौटे, तो उन्हें लगातार उल्टीयां हो रही थी. जिससे थोडा आराम पडने पर वे सो गये और अगले दिन सुबह मृत पाये गये. जिन्हें अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने बताया कि, उन्हें नींद में ही तीव्र हृदयाघात हुआ. जिसके चलते उनकी मौत हो गई. लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से डॉ. ढोणे के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया. बल्कि जल्दबाजी करते हुए परिवार को शव का अंतिम संस्कार कराने हेतु मजबूर किया गया. प्रा. डॉ. आशा ढोणे के मुताबिक यह पूरा मामला बेहद संदेहास्पद है. अत: इस घटना की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए और घटना से जुडे तथ्यों को उजागर किया जाना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में महेंद्र ढोणे, प्रतिभा बोचरे, आराध्या ढोणे व राखोंडे आदि उपस्थित थे.

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