मानसिक तनाव में ‘उस’ मछुआरे की आखिर मौत
अमरावती/दि.24 – लॉकडाउन के चलते मच्छिमारी का व्यवसाय बंद था तथा लोअर वर्धा प्रकल्प ही मच्छिमारी के संदर्भ में सरकार व्दारा कोई निर्णय न लेने से आर्थिक संकट में घिरे मच्छिमारी संस्था के अध्यक्ष की मानसिक तनाव के चलते प्रकृति बिगडती गई. आखिर 22 मार्च को मछुआरे कैलास महादेव आमझरे (चिंचपुर, धामणगांव रेलवे) की मौत हो गई.
कैलास आमझरे यह श्री संत भिकाजी महाराज मत्स्य व्यवसाय संस्था के अध्यक्ष थे. वे लोअर वर्धा प्रकल्प पर अपनी संस्था के सदस्यों समेत मच्छिमारी करते थे. वर्ष 2018-19 में वर्धा जिले के मच्छिमार संघ ने प्रकल्प पर वर्धा जिले के मछुआरे ही मछलिया पकडेंगे इस तरह का दावा कर न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. जिससे लोअर वर्धा प्रकल्प की मच्छिमारी बंद थी. उसके बाद लॉकडाउन के चलते व्यवसाय संकट में आ गया. इस समस्या के चलते कैलास आमझरे पर भुखमरी की नौबत आ गई. जिससे वह मानसिक तनाव में थे. इसी बीच वे बीमार पड गये और 22 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई. वे 43 वर्ष के थे. उनके पश्चात पत्नी व काफी बडा परिवार है.