माउली सरकार को दी गई जान से मार देने की धमकी
बेनामी खत भेजकर धमकाया गया, मची सनसनी, जांच जारी
* अयोध्या आते-जाते समय मार देने और आज नहीं तो कल अंत निश्चित रहने की बात कही गई
* कुर्हा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत, असंज्ञेय मामला दर्ज*
अमरावती/दि.13 – समिपस्थ कौंडण्यपुर स्थित श्री रुख्मिणी विदर्भपीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्य महाराज उर्फ माउली सरकार को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बेनामी खत भेजकर जान से मार देने की धमकी दी गई है. जिसमें कहा गया है कि, माउली सरकार ने मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के चुनाव दौरान आदिवासी जनजाति के लोगों और हिंदूओं को उकसाने का काम किया है. साथ ही वे इन दिनों बहुत ज्यादा अयोध्या-अयोध्या कर रहे है तथा अयोध्या भी जाने वाले है, जो उनके लिए काफी महंगा साबित होगा. क्योंकि आज नही, तो कल उनका अंत होना निश्चित है. इस बेनामी खत के मिलते ही श्री रुख्मिणी विदर्भपीठ के विश्वस्तों द्वारा इसकी जानकारी कुर्हा पुलिस थाने को दी गई. जिसके आधार पर पुलिस ने फौजदारी प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 155 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.
इस संदर्भ में दी गई शिकायत में बताया गया है कि, कल 12 जनवरी को शाम 5.30 बजे के आसपास श्री रुख्मिणी विदर्भपीठ के सभी विश्वस्त आश्रम के दर्शन मंडप में बैठकर किसी विषय को लेकर चर्चा कर रहे थे. तभी उन्हें वहां पर एक लिफाफा पडा दिखाई दिया. जिसे खोलकर देखने पर उसमें से एक बेनामी खत मिला. जिसमें माउली सरकार के नाम जान से मारने की धमकी दी गई थी.
* मैं ऐसी धमकियों से नहीं डरता, धर्म कार्य जारी रहेगा
– वहीं इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री रुख्मिणी विदर्भ पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्यजी महाराज (माउली सरकार) ने दैनिक अमरावती मंडल से विशेष तौर पर बातचीत करते हुए कहा कि, कल उन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बेनामी खत भेजकर जान से मारने की धमकी दी गई है, लेकिन वे ऐसी धमकियों से बिल्कुल भी नहीं डरते हैं. ईश्वर ने उन्हें धर्मपथ पर चलने के लिए और धर्म जागरण करने के लिए चुना है तथा वे ईश्वर द्वारा उन पर सौंपे गये काम को पूरी जिम्मेदारी से पूर्ण कर रहे हैं. ऐसे में ईश्वरीय कार्य को पूरा करने की राह मेें आने वाली बाधाओं से क्या घबराना.
इसके साथ ही माउली सरकार ने यह भी कहा कि, 500 वर्ष तक चले संघर्ष के बाद अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि पर हमारे आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य-दिव्य मंदिर बनकर साकार हुआ है. जिसका आगामी 22 जनवरी को लोकार्पण होने जा रहा है और इसी बीच रामलला विराजमान की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा भी होगी. जिसे लेकर एक सनातनी हिंदू होने के नाते गर्व और हर्ष मनाना उनके लिए बेहद स्वाभाविक है और यह उनका निजी अधिकार भी है. इससे किसी को आहत होने की कोई जरुरत तो नहीं है, लेकिन यदि कोई इससे आहत होता है, तो यह उसकी अपनी निजी समस्या है. इसमें वे अपनी ओर से कुछ नहीं कहना चाहते. जहां तक हिंदू धर्म से विमुख हुए आदिवासियों को धर्म के प्रति जागरुक करते हुए उनकी धर्म में वापसी कराने के काम का सवाल है, तो वह कार्य पहले की ही तरह आगे भी जारी रहेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.
इसके साथ ही खुद को धमकी देने वाले लोगों के लिए माउली सरकार ने कहा कि, ऐसे लोगों ने हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि, वे (माउली सरकार) पहले ही अपने जीवन को देश, धर्म व समाज के लिए समर्पित कर चुके है और यदि देश, धर्म व समाज के लिए काम करते हुए उनका जीवन अर्पित होता है, तो फिर उनके लिए इससे बडी खुशी और सौभाग्य की बात क्या हो सकती है.
* रुख्मिणी विदर्भ पीठ ने एसपी को सौंपा निवेदन
– माउली सरकार को तत्काल सुरक्षा दिये जाने की उठाई मांग
– वहीं इस बीच श्री रुख्मिणी विदर्भ पीठ के अध्यक्ष सुरेश पाटील द्वारा इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद को ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जगद्गुरु माउली सरकार को तुरंत पुलिस सुरक्षा दिये जाने की मांग की गई है.
इस ज्ञापन में बताया गया है कि, देश के अग्रणी रामानंद संप्रदाय के प्रमुख धर्माचार्य रहने वाले माउली सरकार जगद्गुरु रामानंदाचार्य के पद पर विराजमान है. साथ ही अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक भी है. इसके अलावा वे अमरावती जिले के पाला व कौंडण्यपुर स्थित आश्रम व पीठ सहित मध्यप्रदेश के श्री क्षेत्र अमरकंठक स्थित फलाहारी पीठ व श्री क्षेत्र ओंकारेश्वर स्थित निमाड पीठ के पीठाधीपति है. जिसके चलते उन्हें हमेशा ही देश भर में अलग-अलग स्थानों की यात्रा करनी पडती है. ऐसे में विविध अध्यात्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में उपस्थित रहने के दौरान उनका कई अपरिचित लोगों के साथ ही संबंध आता है. ऐसी स्थिति में उन्हें भेजे गये बेनामी खत को हल्के में नहीं लिया जा सकता. अत: इस मामले में तत्काल जांच करे हुए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही माउली सरकार को सरकारी स्थर पर तुरंत पुलिस सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.