क्राइम ब्रॉन्च के विकेंद्रीकरण से बढी ‘विजीबल पुलिसिंग’
सर्वसामान्यों में पुलिस की मौजूदगी बढी
* ‘टीम क्राइम’ की गश्त में हुआ इजाफा
अमरावती/दि.27 – इससे पहले क्राइम ब्रॉन्च के आधे से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों पुलिस आयुक्तालय स्थित अपराध शाखा कार्यालय में ही बैठकर खुर्सियां तोडा करते थे. यह बात ध्यान में आते ही शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने क्राइम ब्रॉन्च का विकेंद्रीकरण करने से संबंधित साहसिक फैसला लिया. जसके चलते अब तक एकमेवाद्बितीय रहने वाले क्राइम ब्रॉन्च पीआई की मोनोपली खत्म हो गई है. क्योंकि अब क्राइम ब्रॉन्च के 2 यूनिट बना दिए गए है. जिसके चलते अब शहर के सभी चौक चौराहों मेें पुलिस दिखाई देने लगी है. जिसकी वजह से ‘विजीबल पुलिसिंग’ में एक तरह से इजाफा हुआ है और सर्वसामान्य लोगों के बीच पुलिस की मौजूदगी बढ गई है.
बता दें कि, वर्ष 1998 में अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की स्थापना हुई थी और तब से अपराध शाखा में एक ही पुलिस निरीक्षक की नियुक्ति होती थी. क्राइम पीआई के तौर पर इस अधिकारी का शहर के सभी 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में स्वतंत्र दखल हुआ करता था और क्राइम ब्रॉन्च के पीआई को उस समय पुलिस आयुक्त का राइट हैंड माना जाता था. ऐसे में क्राइम ब्रॉन्च पीआई बनने के लिए पुलिस निरीक्षकों के बीच अच्छी खासी प्रतिस्पर्धा भी चला करती थी. लेकिन उस केंद्रीत व्यवस्था की वजह से पैदा हुई ‘सरंजामशाही’ को ध्वस्त करने का निर्णय सीपी नवीनचंद्र रेड्डी द्बारा लिया गया. जिन्होंने पुणे व नागपुर की तर्ज पर अपराध शाखा के 2 स्वतंत्र यूनिट तैयार किए. जिसके तहत हमेशा ही अपने पैरों में चक्री लगाकर तेज गति से घुमने और काम करने वाले पीआई आसाराम चोरमले को यूनिट क्रमांक-1 का जिम्मा सौंपा गया. साथ ही इससे पहले विविध पुलिस थानों व यातायात शाखा को संभाल चुके पीआई राहुल आठवले को यूनिट क्रमांक-2 की जिम्मेदारी दी गई. इन दोनों अधिकारियों को सहायक पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपनिरीक्षक व पुलिस कर्मियों का स्टाफ भी अलग-अलग मुहय्या करवाते हुए उनके कार्यक्षेत्र भी निश्चित कर दिए गए. जिसके तहत दोनों यूनिट को शहर पुलिस आयुक्तालय के 10 में से 5-5 पुलिस थाना क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई.
क्राइम ब्रॉन्च के 2 स्वतंत्र यूनिट हो जाने के बाद दोनों क्राइम टीम का कामकाज काफी बेहतर तरीके से चल रहा है. साथ ही सीपी रेड्डी ने भी दोनों टीमों को सर्वसामान्यों के बीच घुलमिलकर पुलिसिंग करने का आदेश दिया है. जिसके चलते इन दिनों सर्वसामान्यों के बीच पुलिस की मौजूदगी बढ गई है और ‘विजीबल पुलिसिंग’ का शहर में असर दिखाई देने लगा है.
* सीआईयू पथक से बढी उम्मीदें
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त द्बारा सहायक पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में गठित विशेष पथक ने क्राइम ब्रॉन्च से भी कहीं ज्यादा आगे बढकर एक के बाद एक कई कार्रवाईयां की थी. उसके चलते क्राइम ब्रॉन्च के एक तरह से हाशिए पर चला गया था. वहीं अब सीपी के विशेष पथक का नामकरण क्रिमिनल इंजेलिजन्स यूनिट यानि सीआईयू कर दिया गया. सीआईयू द्बारा हाल फिलहाल की गई कार्रवाईयां अवैध शराब व जुआ अड्डों तक सीमित है. वहीं दो यूनिट में विभाजित होने के बाद क्राइम ब्रॉन्च ने जिस तरह से नये उत्साह के साथ काम करना शुरु किया है. उसी तरह नया नाम मिल जाने के बाद सीआईयू द्बारा भी अपने दायरे को बढाते हुए शानदार तरीके से काम किया जाएगा, ऐसी अपेक्षा है.