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पालकमंत्री डॉ.यशोमती ठाकुर का कथन
प्रतिनिधि/दि. ७
अमरावती – दूध पावडर बच्चे व स्तनदा माताओं के सुदृंढ स्वास्थ्य व पोषण के लिए उपयोगी होने से दूध पावडर का पैकिंग करके अमृत आहार योजना में नि:शुल्क देने का निर्णय शासन ने लिया हैे. जिले में २५ हजार से अधिक बालक व साडे पांच हजार से अधिक माताओं को उसका लाभ होगा. जिले में मेलघाट सहित सभी ओर वितरण के लिए परिपूर्ण नियोजन किया जाए,ऐसा निर्देश राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री डॉ. एॅड.यशोमती ठाकुर ने आज दिया. राज्य की ६ लाख ५१ हजार बच्चों को और १ लाख २१ हजार गर्भवती, स्तनदा माताओं को नि:शुुल्क देने का निर्णय शासन ने लिया है. दूध पावडर में पोषक तत्व ३४ प्रतिशत है और इस कोविड के समय पोषण के लिए उपयोगी होने से बच्चो को, स्तनदा व गर्भवती माताओं को उसका लाभ अधिक होने से यह निर्णय लिया गया, ऐसी जानकारी पालकमंत्री श्रीमती ठाकुर ने दी. दूध पावडर बच्चों और माताओं का देने का पूरी तरह से नियोजन करे. मेलघाट सहित जिले में सर्वदूर योजना का प्रभावी रूप से अमल होना चाहिए,ऐसा निर्देश पालकमंत्री ने दिया. जिले में अमृत आहार योजना मेंं फिलहाल स्थिति में २५ हजार से अधिक बालक व साडेपांच हजार से अधिक माता का समावेश है. उन्हें इस योजना का लाभ होगा. दूध यह पोषणयुक्त आहार होने से इस योजना से दूध की पूर्ति करने का निर्णय शासन ने लिया है, ऐसी जानकारी उपमुख्य कार्यकारी प्रशांत थोरात ने दी. यह योजना अगले साल तक चलाई जायेगी. इसके लिए १२१ करोड उत्पादन खर्च आया है.इस दूध पावडर का प्रतिकिलो उत्पादन खर्च २४६ रूपये ७० पैसे है. इस कोविड के समय पोषण के लिए दूध पावडर उपयोगी होने से बच्चों को, स्तनदा व गर्भवती माताओंं को उनका अधिक लाभ होगा. जिसके कारण यह निर्णय लिया गया. राज्य शासन ने लॉकडाऊन की स्थिति में अप्रैल से जुलाई इस समय में राज्य में ५ करोड़ ९४ लाख ७३ हजार ६०६ लीटर दूध किसानों से लिया तथा ४९२७.७०२ मैट्रिक टन दूध पावडर का उत्पादन किया. उसी प्रकार २५७५, १७१ मैट्रिक टन मख्खन का भी उत्पादन किया.यह पावडर और मख्खन वखार महामंडल के शीतगृह में रखा गया है. कुल ७ दूध पावडर प्रक्लपधारक और ३७ सहकारी संघ और ११ शासकीय दूध योजना इस योजना में है.महानंदन ने भी यह योजना चलाई. दूध की खरीदी दर यह २२ रूपये १० पैसे से २७ रूपये प्रति लिटर ऐसी थी. जिसके कारण किसानों का कम नुकसान हुआ. कोविड के समय गर्भवती माता, स्तनदा माता तथा ६ महिने से ३ वर्ष उम्रगुट के बालको के लिए घरपोच पोषण आहार (टेक होम रेशन टीएचआर)नियमित पध्दतिनुसार वितरित किया गया. ३ से ६ वर्ष के उम्रगुट के बालको को अंगणवाडी में गरम ताजा आहार (हॉट कुक्कड मील-एचसीएम) दिया जाता है. परंतु कोरोना प्रसार की पाश्र्वभूमि पर बालको को अंगणवाडी में न बुलाकर उनके घर ही एचसीएमऐवजी घरपोच पोषण आहर (टीएचआर) दिया गया. अंगणवाडी पर्यवेक्षिका, अंगणवाडी सेविका यह मदद के स्वरूप में अच्छे कार्य करती है.कोरोना संकट के समय स्वास्थ्य विषयक उपाय योजना में भी उनका योगदान मिलने का थोरात ने बताया.