डॉक्टरों के मानधन वृध्दि का निर्णय कागजादों पर
राज्य की 282 मानसेवी वैद्यकीय अधिकारियों को प्रतीक्षा
अचलपुर प्रतिनिधि/दि.8 – राज्य के दुर्गम-अतिदुर्गम आदिवासी जिले के उडन दस्ते के 282 मानसेवी वैद्यकीय अधिकारियों का मानधन 24 हजार से सीधे 40 हजार रुपए करने का महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने लिया है. किंतु पांच महिने से यह निर्णय कागजातों पर ही है. परिणाम स्वरुप उडन दस्ते के डॉक्टरों को मानधन वृध्दि की अभी भी प्रतीक्षा करनी पड रही है.
राज्य के 16 आदिवासी जिले में नवसंजीवनी योजना अंतर्गत कार्यरत 282 उडन दस्ते के मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी कार्यक्षेत्र में जाकर सेवा देते है, साथ ही आश्रम शाला में जांच का काम करते है. विशेष यह कि यह मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी अति दुर्गम व संवेदनशील क्षेत्र के लगभग 8 से 10 गांवों को सेवा देते है. इस सेवा के दौरान वे बाह्य रुग्ण जांच, गरोदर माता, स्तनदा माता व कुपोषित बच्चों की जांच कर उनपर इलाज करते है. इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अन्य राष्ट्रीय कार्यो पर सफल अमल के लिए मदत करते रहते है. मानसेवी स्वास्थ्य अधिकारी यह पद कंत्राटी रहने से उन्हें अन्य लाभ नहीं मिलता. किंतु कोविड के संकट में स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर, परिचारिका, अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी बहुमोल योगदान देते है. जिससे उनका मानधन 24 हजार से सीधे 40 हजार रुपए करने का महत्वपूर्ण निर्णय उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने लिया है. 16 सितंबर को मंत्रालय में हुई बैठक में यह निर्णय हुआ. इस निर्णय का लाभ मेलघाट समेत राज्य के दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देने का काम करने वाले 282 मानसेवी वैद्यकीय अधिकारियों को होगा. किंतु इस निर्णय पर अमल जल्द करने की मांग मेलघाट के उडन दस्ते के डॉक्टर कर रहे है.
कई वर्षों से उडन डॉक्टर्स काफी कम मानधन पर सेवा दे रहे है.उनकी इस मांग पर हमेशा दुर्लक्ष होता था. यह बात विधायकों ने उपमुख्यमंत्री के निदर्शन में लाकर दी. उसपर उपमुख्यमंत्री ने निर्णय लिया. किंतु यह निर्णय पांच महिने से कागजादों पर ही है.
– डॉ.विशाल देशमुख,
वैद्यकीय अधिकारी मेलघाट