अमरावती

दिपावली के बाद 8 से 12 वीं की कक्षाएं शुरु करने पर लिया जाएगा निर्णय

शिक्षण संचालक दत्तात्रेय जगताप ने दी जानकारी

अमरावती/दि.3 – इस साल भी कोरोना महामारी की तीसरी लहर के चलते स्कूलें बंद रहेगी. छात्रो को घरों में रहकर ही पढाई करनी पडेगी. दिपावली के पश्चात 8 से 12 वीं की कक्षाएं शुरु करने पर निर्णय लिया जाएगा ऐसी जानकारी शिक्षण संचालक दत्तात्रेय जगताप ने दी. शिक्षण संचालक दत्तात्रेय जगताप ने बताया कि, अमरावती जिले सहित अहमदनगर, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर, गाेंंदिया आदि जिलों में कोरोना महामारी से मृत्युदर सबसे अधिक है और राज्य के 14 जिलों में मरीजों की संख्या में अभी भी कमी नहीं आयी है.
कोरोना की संभावित दूसरी और तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को रहने का अनुमान है. इसलिए पिछले साल की तरह इस साल भी स्कूलें न खोलने का निर्णय शिक्षा विभाग द्बारा लिया गया है.स्कलें बंद है किंतु फिर भी फिस देनी पडेगी. शालाओं द्बारा जो ऑनलाइन शिक्षण दिया जा रहा है वह नि:शुल्क नहीं है. ऑफलाइन की तर्ज पर ही ऑनलाइन पढाई शुरु रहने की वजह से अभिभावकों को संबंधित निजी स्कूलों को ट्यूशन फिस ही देनी होगी. हांलाकि स्कूलों को पूरे साल की फिस न लेने का सुझाव दिया गया है. किंतु स्कूलों को अपने शिक्षकों का मानधन भी देना है इसलिए ऑनलाइन पढाई जारी रहने पर भी फिस देनी होगी. ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग द्बारा जारी की गई है.
कोरोना महामारी की पहली व दूसरी लहर में अब तक सोलापुर जिले में लगभग 11 हजार बच्चें और राज्य में 1 लाख से अधिक बच्चें प्रभावित हो चुके है. जिसमें से कुछ बच्चों की मौत हो चुकी है. फिलहाल मुंबई, नासिक, नगर, पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर, सातारा, सांगली, सिंधुदुर्ग, अमरावती, बुलढाणा, नागपुर में मरीजों की संख्या कम नहीं हुई है. इस पार्श्वभूमि पर शिक्षा विभाग ने कडा रुख अपनाया है और स्पष्ट किया है कि संक्रमण कम होने तक ऑनलाइन शिक्षा पर ही जोर दिया जाएगा और तब तक के लिए सभी स्कूल बंद रहेगें.

कक्षा अनुसार छात्रों की संख्या

1 से 8 वीं      1,46,86,493
9 से 12वीं     56,48,026
कुल छात्र     2,03,34,531

पहले टीकाकरण स्कूल बाद में

राज्य में पहले विद्यार्थियों का टीकाकरण किए जाने के बाद ही स्कूल शुरु करें. 2 से 17 वर्ष तक के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाए. ऐसी मांग शिक्षक संघ द्बारा की जा रही है. सरकार को बच्चों का टीकाकरण करने की योजना को ही प्राथमिकता देनी चाहिए.
– प्राथमिक शिक्षक संघ

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