वोटिंग में 3.26 प्रतिशत का निर्णायक इजाफा
जिले की जनता बधाई की पात्र, खासकर गांव -देहात
* मतदान टका बढाने की कवायद, मुहिम रंग लायी
अमरावती/ दि. 27- मतदान हमारा अधिकार ही नहीं, राष्ट्रीय कर्तव्य भी हैं. जैसे नारों के साथ पिछले सप्ताह तक की गई जनजागृति ने असर दिखाया है. जिले में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में वोटिंग काफी बढी है. फाइनल आंकडे जारी होने हैं. अब तक मिली सूचनाओं के आधार पर कह सकते हैं कि तीन फीसद से अधिक का उछाल मतदान में आया है. भले ही अब बढे हुए वोट किसके फेवर में अथवा विरोध में, इस बात की चर्चा छिड जाए. इतना अवश्य है कि देहातों ने एक बार फिर मतदान के मामले में शहरी भागों को पछाड दिया है. विशेषकर अचलपुर एवं मेलघाट में 65 प्रतिशत तक मतदान हुआ है.
* पिछली बार की स्थिति
पिछले 2019 के चुनाव में अमरावती लोकसभा क्षेत्र में 60.76 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उस समय 17 लाख 85 हजार वोटर्स थे. जिसमें से 60 प्रतिशत ने मताधिकार का प्रयोग किया था. उस समय भी मेलघाट और देहाती भागों में जमकर वोटिंग हुआ था. तेज धूप के बावजूद लोगों ने भारी संख्या में वोटिंग में हिस्सा लिया.
* इस बार 3 फीसद अधिक
अब तक प्राप्त लगभग ऑफिशियल आंकडे के अनुसार अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में संसद में प्रतिनिधि भेजने के लिए वोटर्स में उत्साह दिखलाई दिया. 64. 02 प्रतिशत वोट पडने का अनुमान हैं. जिससे साफ है कि मतदान प्रतिशत में 3.26 प्रतिशत की अच्छी बढोत्तरी हुई है.
* कई वोटर्स के नाम गायब
64 प्रतिशत वोटिंग के साथ जहां मतदान का प्रतिशत बेहतर हुआ है. वहीं यह भी बात है कि कई वोटर्स ऐन समय पर बूथ से बेरंग लौट गये. क्योंकि उनके नाम लिस्ट से नदारद रहे. कलेक्टर के पास दर्जनों लोग यह शिकायत लेेकर पहुंचे. सभी शिकायतों का निवारण अधिकारी भी न कर सके. स्वयं सांसद नवनीत राणा ने साईनगर क्षेत्र में 1700 वोटर्स के नाम लिस्ट से हट जाने की शिकायत जिला प्रशासन के पास की है. जिससे स्पष्ट होता है कि जिले के वोटर्स में जोश था.
* मेलघाट और अचलपुर की पीठ थपथपाएं
लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा शामिल है. वोटिंग के मामले में बडनेरा क्षेत्र सबसे पीछे रहा. वहीं अचलपुर और मेलघाट के आंकडे साफ दर्शा रहे हैं कि ग्रामीणों ने राष्ट्रीयकर्तव्य बेहतर ढंग से निभाया. इसमें भी अचलपुर की सुनंदा सावले की सभी सराहना कर रहे हैं. पति के पार्थिव को घर में रखकर वे वोट डालने पहुंची थी. जहां राष्ट्रीय कर्तव्य के प्रति ऐसी सजगता रहे, वहां वोटिंग पर्सेंट अच्छा ही रहेगा. बता दे कि दोनों ही विधानसभा सीटों पर प्रहार का कब्जा है.
* जागरूकता की रैली
वोटिंग बढाने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने काफी प्रचार प्रसार किया. कार्यक्रम लिए. शालाओं मेें जाकर माता- पिता से वोट डालने के लिए कहने का आवाहन बच्चों े से किया गया. इतना ही नहीं शहर में 19 अप्रैल को बडी भारी मतदान जागृति रैली निकाली गई. जिसमें 15700 लोगों के तन्मयता से शामिल होने का दावा आयोजकों ने किया था. ऐसे ही शंकरबाबा पापलकर और अन्य को ब्रांड एम्बेसेडर बनाकर प्रचार किया गया. जो भी हो वोटिंग टका बढने से अमरावती ने उप राजधानी नागपुर को पछाड दिया है.