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प्रहारियों ने दिया निगमायुक्त को घरकुल का मॉडल भेंट

महिलाओं के साथ निकाला विशाल मोर्चा

* महानगर प्रमुख बंटी रामटेके के नेतृत्व में किया घेराव
* 1 घंटे तक मनपा का कामकाज ठप्प
* कक्ष से नीचे सीढियों तक किया धरना आंदोलन
अमरावती/ दि.7 – रमाई आवास योजना में गरीबी रेखा प्रमाणपत्र की शर्त और प्रधानमंत्री आवास योजना में पीआर कार्ड की शर्त रद्द कर महापालिका क्षेत्र में विधवा, दिव्यांग, निराधार, वृध्द बेघर लोगों को घरकुल प्रदान किया जाए, ऐसी मांग को लेकर प्रहार के महानगर प्रमुख बंटी रामटेके के नेतृत्व में महिलाओं का विशाल मोर्चा निकालकर महापालिका में घेराव किया. निगमायुक्त के कक्ष से लेकर नीचे सीढि तक बडी संख्या में ठिय्या आंदोलन किया गया. आक्रोश मोर्चे को देखकर महापालिका का कामकाज करीब 1 घंटे तक ठप्प पडा रहा. आखिर निगमायुक्त के आश्वासन पर मामला शांत हुआ.
विशाल मोर्चे के माध्यम से प्रहारियों ने आक्रमक रुप धारण करते हुए निगमायुक्त प्रवीण आष्टीकर को ज्ञापन सौंपा. सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को घरकुल मंजूर होने के बाद उन्हें पहले 13-14 हजार रुपए महापालिका और निर्माण कार्य विभाग का मिलाकर खर्च करना पडता है और इसके बाद वर्क ऑर्डर मिलने पर 70 से 80 हजार रुपए नीव तैयार करने के लिए अपने पास से खर्च करना पडता है. जबकि एक सामान्य गरीब लाभार्थी यह खर्च नहीं कर सकता. जिसके कारण जरुरतमंद लाभार्थी को घरकुल से वंचित रहना पडता है. होने वाली यह परेशानियों को दूर करे, मनपा क्षेत्र में कई नागरिक घरकुल से वंचित है. आजादी का अमृृत महोत्सव पूरा हुआ फिर भी अमरावती महानगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली विधवा, दिव्यांग, निराधारा वृध्द व्यक्ति बेघर है. मनपा व शासन ने लागू किये कुछ नियम व शर्तों के कारण उन्हें वंचित रहना पड रहा है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए रमाई आवास योजना में गरीबी रेखा प्रमाणपत्र की शर्त रद्द करे और प्रधानमंत्री आवास योजना के कुछ नियम व शर्त शिथिल किये जाए, जिससे हर नागरिकों को अपने अधिकार का निवास स्थान मिल पायेगा, ऐसा नहीं किया गया, तो कार्यालय के सामने जनता के साथ राहुटी बनाकर रहना पडेगा.
ऐसी चेतावनी देते समय प्रहार महानगर प्रमुख बंटी रामटेके, जिला महासचिव शेख अकबर, संपर्क प्रमुख गोलू पाटील, संगठक प्रमुख श्याम इंगले, अभिजित गोंडाणे, योगेश कावरे, उमेश मेश्राम, रावसाहब गोंडाणे, राम करुले, शेषराव धुले, अजय तायडे, नंदू वानखडे, विक्रम जाधव, सुधीर मानके, सागर मोहोड, कुणाल खंडारे, वृषभ मोहोड, पंकज सुरडकर, मनीष पवार, सौरभ रत्नपारखी, आकाश जगदाले, विशाल ठाकूर, तन्मय पाचघरे, सतिश चवरे, अनिता सोमकुंवर, वैशाली गावंडे, मोना परलकर, उषा गायकवाड, कविता भुसम, पंचशीला मोहोड, सायना गवली, सरला दुरिया, उषा ब्राह्मणकर, अंजना दवाले, दिनकर गोकटे, गीता साहु, मंदा अंबाडकर समेत सैकडों महिलाएं उपस्थित थी.

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