अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – कोविड के बढ़ते प्रभाव के कारण ५ अप्रैल से राज्य में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर मुख्यमंत्री ने राज्य में लॉकडाउन घोषित किया है. लॉकडाउन में जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकाने शुरू करने की अनुमति दी है. परंतु न्हावी, सुतार, कुंभार, शिंपी परीट आदि १२ बलुतेदार में छोटी जाती का परंपरागत व्यवसाय पूरी तरह बंद है. जिसके कारण गरीब स्थिति में रहनेवाले समाज पर लॉकडाउन के कारण आर्थिक अडचने आ गई है. एक प्रकार से उन पर भूखमरी की नौबत आ गई है. सरकार ने लॉकडाउन घोषित करते समय आटो रिक्षा चालक, बांधकाम मजदूर, फेरीवाले आदि के लिए आर्थिक सहायता घोषित की है. परंतु न्हावी, सुतार, शिंपी, कुंभार, परीट आदि १२ बलुतेदार के लिए कोई भी आर्थिक सहायता घोषित नहीं की है.
अत: राज्य सरकार १२ बलुतेदार के संबंध में सहानुभूति पूर्वक विचार करके प्रति परिवार को लगभग ५००० रूपये आर्थिक सहायता दे. यह विनती और मांग महाराष्ट्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा की ओर से जगह-जगह निवेदन देकर की जा रही है तथा ऐसी मांग जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री से भी की है.
निवेदन के अवसर पर ओबीसी मोर्चा के सचिव योगेश वानखडे, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष विवेक चुटके, उपाध्यक्ष अतुल भेरडे, विशाल डहाके, युवक ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव व ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.