अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रिवेंटीव के चलते घटा क्राइम रेट

11 माह में 3569 एफआईआर

* गत वर्ष की तुलना में 762 की कमी
* डिटेक्शन रेट पहुंचा 70 से 75 फीसद पर
अमरावती /दि.17– शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत 10 पुलिस थानों व साइबर पुलिस स्टेशन में इस वर्ष जनवरी से नवंबर माह के दौरान 3569 एफआईआर दर्ज की गई है. गत वर्ष इसी कालावधि के दौरान यह संख्या 4331 थी. यानि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष क्राइम रेट घटा है और गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 762 एफआईआर कम दर्ज हुई है. साथ ही इस वर्ष दर्ज 3569 में से 70 से 75 प्रतिशत अपराधों की गुत्थियों को सफलतापूर्वक सुलझाया भी किया. विशेष यह रहा कि, शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के अमरावती में कार्यकाल के दूसरे वर्ष के दौरान शहर में अपराधों की स्थिति को नियंत्रित रखने में सफलता मिली है.
अपराध घटित होने के बाद आरोपियों को पकडने के साथ ही अपराध घटित होने से पहले ही कुख्यात अपराधियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई किये जाने के चलते गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष क्राइम रेट घटा हुआ दिखाई दे रहा है. शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने क्राइम कंट्रोल के लिए प्रिवेंटीव के आयुध का प्रभावी प्रयोग किया. जिसके चलते गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष चोरी, सेंधमारी, वाहन चोरी, जालसाजी, मारपीट, विनयभंग, गंभीर व छिटपूट हादसे, डाका, विश्वासघात, प्राणांतिक हादसे व दंगे जैसे अपराधों में कमी आयी है.
विशेष यह भी है कि, सीपी नवीनचंद्र रेड्डी की पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदोन्नति होने के चलते अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में डीआईजी रैंक से बढकर अब आईजी रैंक वाला हो गया है.

* दुराचार व विनयभंग के मामलों में आयी कमी
महिला सुरक्षा के संदर्भ में थाना निहाय दामिनी पथकों को 24 बाय 7 तैनात किया गया है. साथ ही स्कूल व कॉलेजों में विद्यार्थियों का समुपदेशन भी शुरु किया गया है. इसके तहत साइबर सुरक्षा को लेकर जागृति भी की जा रही है. जिसमें पुलिस आयुक्त से लेकर पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक व महिला पुलिस कर्मियों का सहभाग है. इसके परिणाम स्वरुप इस वर्ष विनयभंग के मामलों में करीब 116 एफआईआर कम दर्ज हुए. वहीं दुराचार के मामले भी गत वर्ष की तुलना में 17 की संख्या से कम रहे.

* बॉडी ऑफेंस के मामले घटे
प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के चलते शरीर विरुध वाले अपराध यानि बॉडी ऑफेंस के मामलों में कमी आयी है. इस वर्ष जनवरी से नवंबर माह के दौरान बॉडी ऑफेंस के 521 मामले घटित हुए. जिसमें से 75 फीसद मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए सफलतापूर्वक जांच की गई. वहीं गत वर्ष 648 मामले बॉडी ऑफेंस को लेकर दाखिल हुए थे.

* चोरी का प्रमाण 263 से घटा
गत वर्ष 11 माह के दौरान चोरी के 1107 मामले दर्ज किये गये. वहीं जारी वर्ष में जनवरी से नवंबर माह के दौरान चोरी के कुल 778 एफआईआर दर्ज हुए है. चोरी में डिटेक्शन का प्रमाण अन्य अपराधों की तुलना में कम रहने के चलते सीपी रेड्डी ने संबंधित पुलिस थानों के डीबी पथक सहित क्राइम ब्रांच को जमकर आडे हाथ लिया था. जिसके परिणाम स्वरुप गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष चोरी एवं वाहन चोरी के मामले घटे है.
* अपराधों के तुलनात्मक आंकडे
अपराध वर्ष 2023 वर्ष 2024
हत्या                                    23                   31
हत्या का प्रयास                      38                  46
बलात्कार                              113                96
डाका                                   08                  13
राहजनी                                75                  71
सेंधमारी                                251                241
चोरी                                     1107              768
दुपहिया चोरी                         402                337
दंगा                                      78                 54
मारपीट                                 648               521
सरकारी कर्मी पर हमला          30                  23
विनयभंग                               336               220
हादसे में मौत                         70                 80
कुल भाग-5                           1148             1063
कुल मामले                            4331             3569

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