आयसीयू व ऑक्सिजन बेड की महसूस होने लगी कमी
नागपुर सहित अन्य जिलों के मरीज भी अमरावती में भरती
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प्रशासन ने ली हर मरीज की जान बचाने की भूमिका
अमरावती/दि.13 – इन दिनों जहां एक ओर अमरावती जिले में लगातार बडे पैमाने पर कोविड संक्रमित पाये जा रहे है, वहीं दूसरी ओर आसपडौस के जिलों में पाये जानेवाले कोविड संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए अमरावती के कोविड अस्पतालों में भरती कराया जा रहा है, क्योंकि संबंधित जिलों के कोविड अस्पतालों में मरीजों को भरती करने हेतु जगह नहीं बची है. वहीं अब अमरावती के कोविड अस्पतालों में भी आयसीयू व ऑक्सिजन बेड की किल्लत महसूस होने लगी है. इस समय सुपर कोविड अस्पताल सहित 23 निजी कोविड अस्पतालों में आयसीयू के 82 फीसदी व ऑक्सिजन के 67 फीसदी बेड पर मरीज भरती है. यदि ऐसी ही स्थिति लगातार कायम रही, तो आगामी एक-दो दिनों में आयसीयू व ऑक्सिजन बेड की भारी कमी महसूस होनी शुरू होगी.
बता दें कि, इस समय जिले में रोजाना 400 से 500 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. हालांकि इस समय पॉजीटिविटी रेट 8 से 12 प्रतिशत है. वहीं फरवरी व मार्च माह के दौरान 30 से 40 फीसदी पॉजीटिविटी थी. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस समय अमरावती जिले में भले ही संक्रमितों की संख्या अधिक दिखाई दे रही है, किंतु संक्रमण की रफ्तार बेहद कम है. किंतु इन दिनों नागपुर, अकोला, वर्धा जिलों में संक्रमण बढ रहा है. नागपुर जिले में तो कोविड संक्रमितों एवं कोरोना से होनेवाली मौतों का हर रोज नया रिकॉर्ड बन रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य महकमे के सामने रोजाना नई चुनौती उत्पन्न हो रही है. ऐसी स्थिति में तत्काल स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने हेतु संबंधित जिलों के मरीजों सहित उनके रिश्तेदारों द्वारा अमरावती जिले की ओर दौड लगायी जा रही है. ऐसे में एक सप्ताह पूर्व तक लगभग आधे से अधिक खाली दिखाई देनेवाले सरकारी व निजी कोविड अस्पताल अब हाउसफुल्ल दिखाई देने लगे है. साथ ही नागपुर एवं अन्य जिलों के कोविड संक्रमित मरीज अमरावती के अस्पतालों में इलाज हेतु भरती कराये जाने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी तनाव बढ गया है और कुछ प्रमाण में दवाईयों की किल्लत भी देखी जा रही है. खासकर निजी अस्पतालों में ऑक्सिजन के साथ-साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत है. अन्य जिलों के मरीजों के आने का सिलसिला यदि ऐसे ही चलता रहा और यदि इसी दौरान अमरावती जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ, तो स्थानीय मरीजों को इलाज के लिए कहां भरती कराया जायेगा, यह इस समय का सबसे बडा सवाल है.
कहां जाये जिले केे गंभीर स्थितिवाले मरीज
जिले में सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में एकमात्र सरकारी कोविड हॉस्पिटल है. जहां पर 450 बेड की सुविधा है. इसके आयसीयू में 83 में से 64 बेड पर मरीज भरती है. साथ ही 144 ऑक्सिजन बेड में से 141 बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है. इसमें से अधिकांश मरीज नागपुर के है. ऐसे में अमरावती जिले के गंभीर स्थितिवाले मरीजों को कहां भरती कराया जाये, यह सवाल अमरावतीवासियों द्वारा पूछा जा रहा है.
10 अस्पतालों के आयसीयू हाउसफुल
जिले में 23 निजी व 1 सरकारी कोविड अस्पताल है. जिसमें से 10 निजी कोविड अस्पतालों में 129 आयसीयू बेड पर हाउसफुल की स्थिति है. इसके अलावा पांच अस्पतालों में एक-एक तथा एक अस्पताल में केवल दो बेड रिक्त है. इन सभी अस्पतालों में कुल 409 आयसीयू बेड संख्या है. जिसमें से इस समय केवल 75 आयसीयू बेड रिक्त है.
6 हॉस्पिटल में ऑक्सिजन बेड फुल
शहर के 6 अस्पतालों में 62 ऑक्सिजन बेड पर मरीज भरती है. इसके साथ ही जिले के कुल 24 कोविड अस्पतालों में 669 ऑक्सिजन बेड उपलब्ध है. जिसमें से इस समय 225 बेड खाली है. इसमें पीडीएमसी के 58 बेड का भी समावेश है.
नागपुर के मरीजों से आधे से अधिक अस्पताल भरे
नागपुर जिले में कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो जाने के चलते अब वहां पर बेड कम पड रहे है. ऐसे में नागपुर के 50 से अधिक मरीजों को अमरावती के सरकारी कोविड अस्पताल में भरती कराया गया है. इसके अलावा 23 निजी अस्पतालों के आधे से अधिक बेड पर फिलहाल नागपुर के मरीज ही भरती है. इसके अलावा अकोला, वाशिम, बुलडाणा व यवतमाल सहित मध्यप्रदेश के भी कई मरीज इलाज के लिए अमरावती के अस्पतालों में भरती है.
- जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में नागपुर के करीब 150 मरीज इलाज के लिए भरती है. साथ ही सभी अस्पतालों में 25 प्रतिशत बेड अमरावती जिले के मरीजों हेतु आरक्षित रखने का निर्देश भी जारी किया गया है. अत: अमरावती जिलावासियों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
– शैलेश नवाल
जिलाधीश