अमरावतीमहाराष्ट्र

‘दीनबंधु दु:खहर्ता तुम ठाकुर मेरे ’

राधाकृष्ण मंदिर में महाआरती

* माहेश्वरी देवी ने बतलाया पापमोचनी एकादशी का महात्म्य
अमरावती/दि. 26– राधाकृष्ण सेवा समिति द्बारा चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी पर आयोजित महाआरती को सुंदर प्रतिसाद मिला. सैकडों श्रध्दालु उपस्थित रहे. उत्साह से आरती और प्रसादी का लाभ लिया. उससे भी अधिक चाव सदगुरू संत सीतारामदास बाबा की शिष्या चांगापुर निवासी माहेश्वरी देवी के द्बारा एकादशी का महात्म्य में दिखाई दिया.
सुश्री माहेश्वरी देवी ने मेधावी ऋषि की कथा का वर्णन किया. उनके तप से देवराज इंद्र का आसन दोलायमान होने की कथा और इंद्र द्बारा ा ऋषि की तपस्या में खलल डालने अप्सरा को भेजने उपरांत मेधावी ऋषि द्बारा अपने पिता ऋषि च्यवन की शरण में जाने पर बतलाए गये उपाय का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से ऋषि मेधावी और उनकी तपस्या भंग करने आयी अप्सरा मंजू घोषा को भी पुण्य प्राप्त हुआ. माहेश्वरी देवी ने बताया कि हमें अपना व्रत और उपवास नित्य नियम से करने का प्रयत्न करना चाहिए. उसमें व्यवधान तो आते ही हैं. उसकी तनिक भी फिक्र न करते हुए व्रत और जाप जारी रहने चाहिए. सुश्री देवी ने राधाकृष्ण समिति के प्रयासों की प्रशंसा की.
आज के यजमान प्रतीक प्रफुल्ल नवाल, प्रकाशचंद राठी सायत, रमन झंवर, गायलमाता परिवार, गोपालदास रामबिलास राठी सायत रहे. उसी प्रकार माहेश्वरी देवी का स्वागत तारा काकाणी, कविता राठी, पुष्पा जाखोटिया, कंचन सोनी, लता बाहेती आदि ने किया.

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