अमरावती

दीपकुमार ने बनाया पोर्टेबल रेडियेटर ऐसी कुलर

वेस्टेज सामग्रियों का उपयोग कर दिखाया नया करिश्मा

चाय की दुकान चलाने वाले यादव दम्पति का बालक बचपन से ही वैज्ञानिक है
अमरावती/ दि.29 – बचपन से ही वैज्ञानिक प्रवृत्ति रहने वाला खापर्डे बगीचा परिसर में चाय की दुकान चलाने वाले यादव दम्पति का होनहार पुत्र दीपकुमार अजय यादव ने फिर एक बार और लोगों को दांतोतले उंगलियां दबाने के लिए विवश कर दिया. दीपकुमार ने वेस्टेज सामग्री का उपयोग करते हुए पोर्टेबल रेडियेटर एसी कुलर का निर्माण कर दिखाया. जो अपने आप में बहुत बडी बात है. ना के बराबर लागत में दीपकुमार ने गर्मी से राहत पाने के लिए एसी जैसी ठंडी हवा देने वाला कुलर तैयार किया है.
दीपकुमार यादव ने तैयार किया पोर्टेबल रेडियेटर एसी कुलर का मॉडल लेकर वह ‘दैनिक अमरावती मंडल’ कार्यालय पहुंचा. 20 वर्षीय दीपकुमार ने बताया कि, फिलहाल वह मुंबई स्थित विजेटीआई महाविद्यालय में मेकेनिकल इंजीनियर की तीसरे वर्ष की पढाई कर रहा है. गुढीपाडवा के छूट्टी के अवसर पर अपने घर आया था. दीपकुमार ने मुंबई का अनुभव साझा करते हुए बताया कि, मुंबई में समुद्र है, वहां गर्मी के कारण अधिक वाष्प निकलता है. गर्मी से बचने के लिए अगर कुलर लगाया जाता है, तो उसके वाष्प से और गर्मी महसूस होती है तथा वाष्प बनकर पानी भी उडता है, तो इससे बचने का एकमात्र रास्ता है, वह है एसी. मगर एसी खरीदना काफी महंगा और उसका बिजली बिल भी काफी अधिक होता है.
छुट्टी बिताते समय अमरावती में दीपकुमार ने हमेशा की आदत के अनुसार शांत न बैठते हुए उसने एक युक्ति भिडाई. दीपकुमार ने मारोती 800 कार का 4-5 हजार रुपए में मिलने वाला रेडियेटर न खरीदते हुए केवल 400-500 रुपए में एक पुराना रेडियेटर खरीदा. कुलर की बॉडी बनाने के लिए पीवीसी पाइप को गरम कर बेलन से सीधा किया और बडे ही सावधानी से उसकी कटिंग कर एक ढाचा तैयार किया. उसमें रेडियेटर लगाया. उसमें 555 डीसी मोटर, कुलर के साथ नाइट लैम्प का काम करने के लिए एलईडी लाइट, स्पीड कंट्रोलर एसी करंट से डीसी करंट में बदलने वाला कर्न्वटर लगाया. कुलर की पानी की मोटर का उपयोग किया. अब एक बाल्टी में पानी भरकर रेडियेटर से पाइप जोडा. उपर से एक पाइप निकालकर वापस उसी बाल्टी में पाइप पहुंचाया. इससे पानी वहीं गोल घुमते हुए ठंडा होने लगा और रेडियेटर के बीच से ठंडी हवा खिचते हुए कुलर का पंखा वह हवा फेंकने लगा. इस छोटासा कुलर पूरी तरह एसी का मजा दे रहा था. दीपकुमार ने बताया कि, एसी का आनंद देने वाला यह कुलर 12 घंटे में केवल 36 वॉट बिजली ही खर्च करता है. दीपकुमार ने बताया कि, बचपन से ही उसके माता-पिता का सहयोग मिलते रहा है, इसी वजह से वह लगातार कामयाबी की सीढियां चढते रहा है. अपनी सारी सफलता का श्रेय पिता अजय यादव, मां और अपने बचपन के सहयोगी रहे भाई को देता है.

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