अमरावती

पैसे देने पर भी नहीं हुआ दीपाली का तबादला

दीपाली के पति राजेश मोहिते का रहस्योद्घाटन

अमरावती/दि.2 – हरिसाल की वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के बाद अब अनेक सनसनीखेज बाते सामने आ रही है. दीपाली की मेलघाट में 2014 से 2021 तक 7 वर्ष की सेवा हुई थी. अब उन्हें मेलघाट से बाहर तबादला होना था. हरिसाल से परतवाडा में तबादला होना चाहिए, इसके लिए दीपाली चव्हाण ने ‘संबंधितों को’ (तबादले के लिए पैसे लेने वाली यंत्रणा) पैसे भी दिये थे. किंतु पैसे देकर भी तबादला न होने से वह निराश थी, इस तरह की जानकारी देते हुए अनेक रहस्योद्घाटन दीपाली के पति राजेश मोहिते ने मीडिया के साथ बातचित में किये है.
पैेसे दिये बगैर तबादला नहीं होता, यह अब छिपाने लायक नहीं है. पैसे देने पर भी तबादला न होने से हमने पैसे वापस मांगे थे. किंतु वह वापस नहीं किये गए, इस तरह की बात राजेश मोहिते ने कही. उसी में उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार यह रात बे रात कर्मचारियों को जंगल में कैम्प पर बुलाता था. वहां सभी कर्मचारियों के सामने दीपाली को डाटता था. हमने इस बाबत अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेड्डी से शिकायत की थी. किंतु वे सभी एक ही माला के मनी निकले. इस कारण दीपाली की वेदनाएं कोई भी समझ नहीं पा रहा था, इस तरह की भावना राजेश मोहिते ने व्यक्त की. शिवकुमार यह रेड्डी का हस्तक था. दीपाली के शिकायतों की दखल रेड्डी ने ली होती तो यह नौबत नहीं आती. किंतु जंगल में अनेक प्रकार का गैर कारभार चलता है. जिसका हिस्सा रेड्डी को दिलवाने वाला शिवकुमार यह मुख्य हस्तक था, ऐसा भी राजेश मोहिते ने कहा.
हमने कुछ हटके करना चाहिए ऐसा दीपाली को लगता था. जंगल की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए वह सक्षम थी. 3 गांव का पुनर्वसन करने के बाद कुल 1 हजार परिवार को सरकार की ओर से मिलने वाली रकम दिलवाने के लिए सभी के बैंक खाते निकाल दिये. सरकार की ओर से आया हुआ निधि कोई भी गलती न करते हुए सभी के खाते में डालने की जोखिम का काम उन्होंने किया था. दीपाली प्रामाणिक रहने से मेैं उसे उसके कामों के लिए प्रोत्साहन देता था.

वाहन चालक था शिवकुमार का खबर्‍या

दीपाली चव्हाण का वाहन चालक हरिराम कास्देकर, उपवन संरक्षक शिवकुमार का खबर्‍या था. हरिसाल के जंगल में आदिवासी कहा तालाब में मछलिया पकडते तब हरिराम कास्देकर उन्हें मुफ्त में मछलियां मंगता था. मछलियां नहीं दी तो जंगल में मछलियों की शिकार होती है और मैडम का ध्यान नहीं इस तरह की झूठी शिकायतें वह सीधे शिवकुमार से करता था. इस वाहन चालक से दीपाली चव्हाण यह काफी सावध थी. कई बार उसे कही ले जाना टालती थी, इस तरह की जानकारी भी राजेश मोहिते ने दी.

अब और कोई दीपाली की बलि न चढे

मेरी पत्नी यह भ्रष्ट व्यवस्था की शिकार बनी. ऐसा रहते हुए भी इसके बाद कोई नई दीपाली इसका शिकार न बने, किसी भी विभाग में किसी महिला पर अत्याचार होता है तो उन्होंने सामने आना चाहिए, इस तरह का आह्वान राजेश मोहिते ने किया.

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