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अमरावती की दीपमाला, बद्रे और पावगी दौडेंगे खांरडूंगला चैलेंज

दुनिया की सबसे कठिन मैराथन, आगामी 6 सितंबर को

* शुभकामना देने वालों का लगा तांता
अमरावती/दि.27- विश्व की कठिन मैराथन मानी जाती खारडूंगला चैलेंज में अमरावती की प्रसिध्द महिला धावक दीपमाला सालुंखे बद्रे और दो अन्य धावक सहभागी होंगे. अमरावती के रोड रनर्स सदस्यों ने दीपमाला के साथ ही प्रदीप बद्रे एवं केदार पावगी को भी शुभकामनाएं दी है. यह मैराथन आगामी 6 सितंबर को होने जा रही है. अमरावती रोड रनर्स के मार्गदर्शक, रनिग गुरु दिलीप पाटील ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दीपमाला और पावगी 72 किमी लंबी और दुरुह दौड में हिस्सा लेगे तो प्रदीप बद्रे भी करीब 21 किमी की दौड में अमरावती रोड रनर्स का नाम उंचा करने का पूरा प्रयत्न करेंगे.
तीनों धावकों को शुभकामनाएं
अमरावती रोड रनर्स के दिलीप पाटील सहित सभी सदस्यों ने उपरोक्त तीनों धावकों को खारडूंगला चैलेंज के लिए शुभकामनाएं दी है. उनमें पाटील के संग संध्या पाटील, प्रमोद राठोड, अनिल कुरलकर, राधिका दम्मानी, ब्रजेश सदानी, निखिल सोनी, अस्मिता सोनी, अलका जोशी, डॉ. नितिन गावंडे, डॉ. अतुल कढाणे, डॉ. गितांजली कढाणे, डॉ. हितेश गुल्हाने, डॉ. श्याम राठी, डॉ. प्रकाश विश्वकर्मा, डॉ. रोहिणी, यादगिरे, डॉ. हरीश श्रीरामवार, डॉ. नितीन श्रीरामवार, डॉ. अमित डाफे, डॉ. सचिन कोरडे, सिट्टू सलुजा, गोपाल बजाज, धरम मोटवानी, सोनी मोटवानी, संदीप बागडे, प्रवीण जयस्वाल, रोशन मेघानी, रवि बजाज, प्रणिता पाटील, रीटा नरसू, ऋतुजा मुंदडा, शुभदा दिवान, रमेश करनानी, राम छूटलानी, डॉ. सूरज मढावी, संजय अंबाडकर, पुरुषोत्तम दिक्षित, सनी वाधवानी, कमल मालवीय, प्रतिभा मालवीय, मोहन कावरे, मंगेश भालचक्र, रूही पिंजानी, सुरेन्द्र गावंडे, डॉ. अंजली देशमुख, रितू तलमले, सचिन जायस्वाल, मैथिली जायस्वाल, प्रग्नेश दोशी, नीलेश परतानी, ज्योती परतानी, स्नेहल चौहान, संजीव नाहटा, कल्पेश पिंजानी, अर्चना दुधे, डॉ. भोंड, जयंत सोनोने, डॉ. सुनिता डफले, रविराज जेधे, एड. अगासे, मंगेश पाटील, महाजन, मेंडसे, आशिष आडवाणीकर, सोनाली ढोक, भरत मलाणी, सतिश उमरे, सूर्यकांत जगदाले, सुरेन्द्र का समावेश है. अमरावती रोड रनर्स गु्रप के सभी सदस्यों ने दीपमाला बद्रे, प्रदीप बद्रे, केदार पावगी को सफल तथा सुरक्षितदौड हेतु शुभकामनाएं दी है.

अत्यंत दुरूह मार्ग
खारडूंगला चैलेंज अत्यंत कठिन मानी जाती है. समुद्र तट से 4 हजार मीटर की उंचाई पर पहाडों में गुजरते मार्ग पर 72 किमी की दौड रहती है. दौड में अधिकतम 200 धावक ही हिस्सा ले सकते है. इसके लिए मापदंड को पूरा करने वाले धावक को ही सहभाग की अनुमती मिलती है. यह धावक अमरावती से मनाली लेह की ओर प्रस्थान करने की जानकारी रोड रनर्स ने दी. उन्होंने बताया कि हिमालय की वादियों में नदी और पहाडों के बीच दौडने का अवसर मिलता है. जो रोमांच से भरपूर तो है ही किंतु उतना ही चुनौती पूर्ण है.

 

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