अमरावती/दि.15 – इस समय मृग नक्षत्र आधा बीत चुका है, लेकिन इसके बावजूद बारिश शुरु होने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे. इसमें भी बिफरजॉय नामक चक्रवाती हवाओं ने बाधा पैदा कर दी है. जिसके चलते मानसून की रफ्तार थोडी कम हो गई है. यह खबर सामने आते ही खरीफ फसलों की बुआई शुरु करने की तैयारी कर रहे किसानों में संभ्रम और चिंता का माहौल है.
उल्लेखनीय है कि, मौसम विभाग द्बारा जताए जाने वाले अनुमान के साथ ही किसान अक्सर ही बारिश का पुर्वानुमान देने वाले पारंपारिक संकेतों से भी अंदाजा लगाते है. मृग नक्षत्र वाले दिनों में बारिश की टीप-टीप शुरु हो जाती है और इसके कुछ दिन बाद अच्छा खासा पानी बरसना शुरु होता है. ऐसे में मृग नक्षत्र से शुरु होने वाले बारिश के टीप-टीप को बुआई के काम शुरु करने का संकेत माना जाता है. परंतु इस बार मृग नक्षत्र में बारिश की टीप-टीप सुनाई ही नहीं दी. जिसके चलते इस वर्ष बारिश का मौसम शुरु होने में विलंब होने की संभावना देखी जा रही है.
ज्ञात रहे कि, मौसम में बदलाव को लेकर प्रकृति भी कुछ संकेत दिया करती है. जिसका अनुकरण आज भी किसानों द्बारा किया जाता है. मौसम बदलने के साथ ही पेड-पौधों तथा पशु-पक्षियों की आवाज पक्षियों के घोसले और कीट पतंगों के व्यवहार में कुछ बदलाव आता है. इसे देखकर ही ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों विशेषकर किसानों द्बारा बारिश कब शुरु होगी. इसके पूरे संकेत निकाले जाते है. इसके अलावा पंचांग, नक्षत्र और नक्षत्र वाहन के आधार पर भी ग्रामीण क्षेत्र में बारिश का अनुमान लगाया जाता है. लेकिन इस बार जिस तरह के संकेत और अनुमान सामने आ रहे है. उससे लगाए जा रहे अंदाज ने किसानों की चिंता बढा दी है. 3 दिन पहले राज्य के कुछ हिस्सों में मानसून के पहुंच जाने की अच्छी खबर आयी थी. लेकिन इसी बीच बिफर जॉय नामक चक्रवात की वजह से मानसून का सफर थोडा सुस्त हो जाने की खबर भी सामने आ रही है. जिसके चलते किसानों में संभ्रम के साथ ही बुआई शुरु करने को लेकर काफी हद तक चिंता वाला माहौल है.
* ये संकेत देते है बारिश का पूर्व अनुमान
किसानों व कृषि अभ्यासकों द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक मृग नक्षत्र में बरसने वाले पानी की टीप-टीप के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में चातक पक्षी के आगमन कोे बारिश का पूर्व संकेत माना जाता है. परंतु इस बार बारिश की टीप-टीप के साथ ही चातक पक्षी के आगमन की भी प्रतीक्षा की जा रही है.
कौवे का घोसला पेड के किस हिस्से पर बना हुआ है. इस पर से भी बारिश कब शुरु होगी और कितना पानी बरसेगा. इसका अनुमान किसानों द्बारा निकाला जाता है. लेकिन इस बार कौवे के घोसले से भी कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे.
बारिश के कुल 8 नक्षत्र ग्राह्य माने जाते है और नक्षत्र के वाहनों को देखते हुए इस बार बारिश का मौसम कैसा रहेगा. इसका अनुमान लगाया जाता है और किसानों द्बारा फसलों की बुआई तथा खेती बाडी से संबंधित कामों की तैयारी शुरु की जाती है. परंतु इस बार सारे संकेत व समीकरण गडबडाए हुए है. जिसकी वजह से कोई सटीक अनुमान नहीं लग पा रहा और किसानों में बुआई का काम शुरु करने को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है.