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दर्यापुर में चंद्रभागा नदी का जलस्तर बढा
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सभी ग्रामीण क्षेत्र हुए पहली बारिश से सराबोर
अमरावती/दि.10 – विगत 7 जून को मृग नक्षत्र शुरू होने के साथ ही जिले में बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है और इस बार मृग नक्षत्र ने अमरावती जिलावासियों को निराश नहीं किया है और जिले के लगभग सभी इलाकों को मान्सून की पहली बारिश ने भीगोकर सराबोर कर दिया है. कई स्थानों पर लगातार दो घंटे बारिश चलती रही. जिससे संबंधित क्षेत्रों के नदी-नालों का जलस्तर बढ गया और कुछेक स्थानों पर पहली ही बारिश के दौरान बाढ सदृश्य हालात बन गये.
अमरावती शहर में विगत कुछ दिनों से लगातार बदरिला मौसम तैयार हो रहा था और बीच-बीच में हल्की-फुल्की बौछारे भी बरसती थी. किंतु बुधवार को मृगधाराओं ने बरसना शुरू किया और शाम 7.30 बजे के आसपास शुरू हुआ बारिश रात करीब 9 बजे तक चलती रही. इस दौरान शहर के कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति भी खंडित हुई.
इसके अलावा इस बारे में विभिन्न तहसील संवाददाताओं से मिली जानकारी के मुताबिक दर्यापुर के पास ही स्थित बाभली गांव से होकर गुजरनेवाली चंद्रभागा नदी का जलस्तर मंगलवार को अचानक ही बढ गया और यहां के सकरे पूल के उपर से पानी बहना शुरू हुआ. जारी मान्सून के मौसम की पहली बारिश बीती रात 12 बजे से शुरू हुई और करीब दो घंटे तक लगातार पानी बरसता रहा. ऐसे में पूल के उपर से पानी बहते ही मच्छीमारी करनेवाले कई लोगों ने इस पानी में जाल डालते हुए मछलियां पकडने का काम शुरू किया.
बता दें कि, चांदूरबाजार तहसील में इस वर्ष की पहली बारिश 8 जून को रात 8.30 से 10 बजे के दौरान हुई. वहीं अचलपुर तहसील के पथ्रोट में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हुई. जिससे जनजीवन काफी हद तक अस्त-व्यस्त रहा. उधर चांदूर रेल्वे में 9 मई को लगातार दो घंटे तक झमाझम बारिश हुई. जिससे क्षेत्र के किसान आल्हादित व आनंदित हो गये. उधर धामणगांव रेल्वे के अंजनसिंगी गांव में झमाझम बारिश के चलते लोगों के घरों में बारिश और बाढ का पानी जा घुसा. अंजनसिंगी में इस समय यवतमाल-रिध्दपुर मार्ग का काम जारी है और रास्ते के किनारे नाली का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में मंगलवार को हुई बारिश का पूरा पानी गांव के नाले से होते हुए लोगों के घरों में घुस गया. गांववासियों का आरोप है कि, विगत एक माह से इस सडक का निर्माण बेहद धीमी गति से हो रहा है और सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमण की गई जगहों को अब तक खाली नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से काम अधूरा पडा है. इसका खामियाजा पहली ही बारिश में गांववासियों को भुगतना पडा.