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विद्याभारती महाविद्यालय में पदवी प्रमाणपत्र वितरण समारोह

विभिन्न विषय में मेरीट में आने वाले 56 विद्यार्थी सम्मानित

* सफल विद्यार्थियों की प्रशंसा कर उज्वल भविष्य के लिए दी शुभकामनाएं
अमरावती/ दि.6 – स्थानीय कैम्प परिसर स्थित विद्याभारती महाविद्यालय के श्रोतृगृह में वर्ष 2020-21 के विद्यार्थियों को पदवी प्रमाणपत्र देने के लिए वितरण समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह में मेरीट में आये 56 विद्यार्थियों को उपस्थित मान्यवरों के हस्ते पदवी प्रमाणपत्र प्रदान किया गया. इस समय मान्यवरों ने सफल विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें उज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी.
समारोह में बतौर अध्यक्ष के रुप में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा येनकर, प्रमुख अतिथि के रुप में विद्यापीठ के प्र-कुलगुरु डॉ. विजयकुमार चौबे, विद्याभारती संस्था के सचिव डॉ. अशोक चव्हाण के साथ ही आईक्यूएसई समन्वयक डॉ. पी. जी. बनसोड, विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. टी. एस. वासनिक, वाणिज्य व व्यवस्थापन विभाग के डॉ. एस. बी. कडू, मानव विद्या शाखा प्रमुख डॉ. आर्यन पाटील उपस्थित थे. कार्यक्रम में खासतौर पर व्यवस्थापन परिषद के सदस्य डॉ. ए. डी. चव्हाण ने उपस्थिति दर्शायी. इस समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य व्यवस्थापन, कॉस्मेटीक टैक्नालॉजी विभाग के मेरीट रहने वाले छात्र अव्हील चिटूकने, पूजा शेलके, स्नेहल धर्मे, शेफाली वाघ, सलिया खान, अजयकुमार कुकाटकर, मोहम्मद रफी, राणा आफरिन, रोहन भाले, संयुक्ता गणगणे, साई पाटील, सृष्टि सोनार, निशा पटेल, निशा शर्मा, पूजा गरसे, रुचा कुलकर्णी, ईश्वर भट्टड, स्नेहल जगन्नाडे, हिशिता वालेचा ऐसे कुल मेरीट में आये 56 विद्यार्थियों को मान्यवरों के हस्ते पदवी प्रमाणपत्र वितरित किया गया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक करते हुए डॉ. पी.जी. बनसोड ने बताया कि, महाविद्यालय का यह स्वर्ण महोत्सवी वर्ष है. उन्होंने महाविद्यालय की यशोगाधा सभी के समक्ष रखी. प्रमुख अतिथि डॉ. विजयकुमार चौबे ने विद्यार्थियों को बताया कि, पढाई से विद्यार्थियों पर मुल्य संस्कार आना चाहिए, ऐसा बताया. मेरीट आये विद्यार्थियों की प्रशंसा कर उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. इसी तरह संस्था के सचिव डॉ. अशोक चव्हाण ने विद्यार्थियों का अभिनंदन कर शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा येनकर ने विद्यार्थियों को पदवी के साथ अलग-अलग कौशल्य संपादन करना चाहिए, ऐसी सलाह दी. समारोह की उद्घोषणा डॉ. मिनल खेरडे और आभार किशोर राहुलकर ने माना.

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