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‘उस’ बाघिन की खोज में देहरादुन की टीम अंबाबरवा पहुंचे

12 स्वतंत्र कैमरे समेत 600 कैमरे की कडी नजर

परतवाडा/दि.16– मेलघाट के अंबाबरवा अभ्यारण्य में पहुंची मध्यप्रदेश की बाघिन की खोज करने के लिए देहरादुन के वाइल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट की टीम कडी नजर रखे हुए है. यह विशेष टीम 12 स्वतंत्र कैमरे के साथ 600 केैमरे के माध्यम से चप्पे-चप्पे में पैनी नजर रख रहे है.
बाघिन के गले में लगाई गई कॉलर आयडी का सेटेलाइट से संपर्क टूट जाने के कारण वेरी हाईफ्रिक्वेंसी सिरिवर एन्टीना की सहायता से उस बाघिन की खोज की जा रही है. उसकी खोज के लिए 12 स्वतंत्र कैमरे का ट्रैप लगाया गया है. इस कैमरा ट्रैप के साथ ही अकोट वन्यजीव विभाग के अंतर्गत लगाए गए 600 कैमरे ट्रैप की भी बाघिन पर नजर है.
अंबाबरवा के कैमरा ट्रैप में 31 जनवरी को कैद हुई यह बाघिन क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारियों को दिखाई नहीं दी. उसके बाद दूसरी बार वह कैमरा ट्रेैप में आयी ही नहीं. कॉलर आयडी लगी यह 4 वर्षीय बाघिन सतपुडा टायगर अभ्यारण्य से 45 दिन में करीब 250 किलोमीटर की दूरी पार कर मेलघाट के अंबाबरवा तक पहुंची है. उसकी युध्द स्तर पर खोज की जा रही है.

बाघिन की खोज की जा रही है
बाघिन की खोज शुरु है. इसके लिए कैमरा ट्रैप व वेरिहाई फ्रिक्वेंसी रिसिवल उपकरण की सहायता ली जा रही है. इसमें वाइल्ड लाईफ इंस्टीट्युट देहरादुन के तज्ञों की सहायता मिल रही है.
– नवलकिशोर रेड्डी,
उपवन संरक्षक, अकोट वन्यजीव विभाग

सतपुडा व्याघ्र अभ्यारण्य में 50 बाघ है
सतपुडा व्याघ्र अभ्यारण्य में 50 बाघ है. बांधवगड से आयी उस बाघिन का करीब 4 माह सतपुडा अभ्यारण्य में निवास रहा. आगे वह भ्रमण करते हुए मेलघाट के अंबाबरवा पहुंची है.
– सुशिलकुमार प्रजापति,
डेप्युटी डायरेक्टर, सतपुडा व्याघ्र अभ्यारण्य

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