अमरावतीमहाराष्ट्र

किसान आत्महत्या की रिपोर्ट में विलंब

तहसीलदार के पत्र की पुलिस द्वारा अनदेखी

* जिलाधीश ने जतायी नाराजगी
अमरावती /दि.31– चिखलदरा तहसील के मडकी में आदिवासी किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने को लेकर दर्ज रिपोर्ट तहसीलदार द्वारा मांगे जाने पर भी चिखलदरा तहसील की ओर से रिपोर्ट नहीं दी गई है. जिसके चलते संबंधित आदिवासी परिवार सरकारी सहायता से वंचित रह गया. इसे लेकर जिलास्तरीय बैठक में खुद जिलाधीश ने ही अपनी तीव्र नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही इस घटना के चलते थानेदार व संबंधित पुलिस कर्मी की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है.
बता दें कि, राजा मधु नाईक (36, मडगी) नामक किसान ने विगत 8 दिसंबर को अपने पिता के खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. यह किसान आत्महत्या का मामला रहने के चलते संबंधित परिवार को 15 दिन के भीतर सरकारी सहायता देने के दृष्टिकोण से मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, घटनास्थल के पंचनामें की रिपोर्ट और संबंधित परिवार के सदस्यों के बयान जैसे दस्तावेजों को अपने अभिप्राय सहित 8 दिन के भीतर विशेष दूत के जरिए तहसील कार्यालय के समक्ष पेश करने का आदेश तहसीलदार जीवन मारणकर ने चिखलदरा के थानेदार को एक पत्र तथा फोन के जरिए दिया था. परंतु बार-बार स्मरण कराने के बावजूद भी चिखलदरा पुलिस द्वारा राजा नाईक आत्महत्या मामले की रिपोर्ट तहसीलदार कार्यालय को नहीं भेजी गई. जिससे राजा नाईक का परिवार सरकारी सहायता प्राप्त करने से वंचित रह गया.

* रेट्याखेडा मामले में भी ऐसी ही लापरवाही
उल्लेखनीय है कि, संबंधित थानेदार व पुलिस कर्मी ने रेट्याखेडा में आदिवासी महिला की नग्न परेड निकाले जाने के मामले में फिर्यादी की बात बिल्कुल नहीं सुनी. साथ ही विधायक द्वारा जांच हेतु दिये गये आदेश को कचरे की टोकरी दिखा दी. इसके पश्चात मीडिया द्वारा यह मामला उछाले जानेप र अपराध दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
* डेढ माह बाद भी रिपोर्ट नहीं
डेढ माह बाद भी किसान आत्महत्या मामले से संबंधित रिपोर्ट तहसील कार्यालय को नहीं मिली है. जिसके चलते तहसीलदार द्वारा एक बार फिर चिखलदरा पुलिस थाने को पत्र भेजा गया है. जिससे यह पूरा मामला उजागर हुआ.

* जिलाधीश ने जतायी तीव्र नाराजगी
किसान आत्महत्या की घटना घटित होने के बाद अगले 8 दिन के भीतर पुलिस द्वारा इससे संबंधित रिपोर्ट को तहसील कार्यालय के मार्फत जिलाधीश के पास भेजना होता है, ताकि किसान आत्महत्या ग्रस्त परिवार को सरकारी सहायता प्राप्त हो सके. परंतु राजा नाईक नामक किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने से संबंधित रिपोर्ट डेढ माह बाद भी प्राप्त नहीं हुई है. जिसे लेकर 21 जनवरी को हुई समीक्षा बैठक में जिलाधीश द्वारा तीव्र नाराजगी व्यक्त किये जाने की बात तहसील कार्यालय की ओर से चिखलदरा पुलिस को भेजे गये पत्र में कही गई है. जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि, चिखलदरा व ग्रामीण पुलिस प्रशासन द्वारा तहसीलदार एवं जिलाधीश जैसे प्रशासकीय अधिकारियों की भी नहीं सुनी जा रही.

* मृतक किसान की रिपोर्ट भेजे जाने को लेकर चिखलदरा पुलिस स्टेशन के थानेदार के नाम पत्र जारी किया गया है. जिसके जरिए चिखलदरा के थानेदार को तत्काल रिपोर्ट भेजे जाने का निर्देश दिया गया है.
– जीवन मोरणकर,
तहसीलदार, चिखलदरा.

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