केंद्र से 45 लाख मेट्रीक टन खाद की डिमांड
इस वर्ष बीज की किल्लत नहीं- कृषि मंत्री भुसे
* बैकों को समय पर फसल कर्ज वितरण के निर्देश
* सौर कुंपन योजना चलाकर फसलों की रक्षा
अमरावती/दि.29– राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे ने आज अमरावती संभाग के खरीप हंगाम के नियोजन को लेकर जायजा बैठक की. इस बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से संवाद साधते बताया कि, इस वर्ष जिले तथा राज्य में बीज की किल्लत नहीं जाएगी. उसी प्रकार खाद की डिमांड पूर्ण करने के लिए केंद्र सरकार से 45 लाख मेट्रीक टन खाद की मांग की गई है. इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर सहित शरद पवार, नितीन गडकरी आदि से भेंट कर केंद्र सरकार द्बारा राज्य को समय पर खाद की खेप देने की मांग की गई है. केंद्र सरकार से खाद उपलब्धता को लेकर सकारात्मक आश्वासन मिला है. आगामी दिनों में बारिश शुरु होने से पहले सभी किसानों को फसल कर्ज वितरण के निर्देश सभी बैंकों को दिये गये है. उसी प्रकार 322 करोड के फसल बीमा का भुगतान हो गया है. इस वर्ष अच्छी बारिश होने के संकेत है. जिससे कृषि क्षेत्र में खुशी की लहर है.
अमरावती संभाग में कुल 34.46 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर खरीप की बुआई प्रस्तावित है. जिसमें से कपास व सोयाबीन यह प्रमुख फसल खरीप की है. संभाग में 10.75 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर कपास, 14.59 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर सोयाबीन व 4.38 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर तुअर की बुआई की जाएगी. उस हिसाब से बीज का नियोजन किया गया. वर्तमान में किसानों के पास 16.49 लाख क्विंटल सोयाबीन के बीज है. वहीं 10.94 लाख क्विंटल बीज मार्केट से उपलब्ध कराये जाएंगे. जिससे इस वर्ष सोयाबीन बीज की कोई किल्लत नहीं जाएंगी, ऐसा बताते कृषि मंत्री भुसे ने बताया कि, संभाग को लगने वाले 6.57 लाख मेट्रीक टन खाद की डिमांड भेजी गई है. 31 मार्च तक संभाग में 1.49 लाख मेट्रीक टन खाद उपलब्ध है. अप्रैल महीने में 0.60 लाख मेट्रीक टन व मई में 1.05 लाख मेेट्रीक टन खाद उपलब्ध कराने का नियोजन किया गया है. केंद्र से समय पर खाद मिला, तो कोई परेशानी किसानों को नहीं जाएंगी. लेकिन यदि केंद्र से समय पर खाद नहीं मिला, तो फिर उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार रहेंगी. केंद्र द्बारा राज्य सरकार को समय पर खाद की खेप मिलने की अपेक्षा भी उन्होंने व्यक्त की. इस वर्ष नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प अंतर्गत 10 हजार हेक्टेअर क्षेत्र पर फलों की खेती प्रस्तावित है. जिस क्षेत्र में वन्यप्राणियों के कारण कृषि फसलों का नुकसान होता है, ऐसे क्षेत्र में सौर कुंपन योजना के माध्यम से कृषि फसलों की सुरक्षा का नियोजन किया गया है.
* खाद की कालाबाजारी-लिंकिंग पर कडी कार्रवाई
खरीफ के मौसम में खाद की कालाबाजारी व लिंकिंग के मामलो ंमें संबंधित बिक्रेता सहित कंपनी पर भी कडी कार्रवाई के निर्देश जारी किये गये है. इसके लिए कृषि विभाग के माध्यम से किसानों की शिकायतों का निराकरण किया जाएगा. जो बिक्रेता खाद के साथ अन्य चीजें खरीदने की सक्ति करेंगा, ऐसे बिक्रेता से सक्ति से निपटने का प्लान कृषि विभाग ने तैयार किया है. इस वक्त उन्होंने किसानों से भी अधिक से अधिक मात्रा में घरेलू बीज का इस्तेमाल करने की अपील की.
* झिरो ब्याज का दायरा 3 लाख तक बढाया
राज्य में 1 लाख रुपए तक के कर्ज का समय पर भुगतान करने वाले किसानों को झिरो प्रतिशत ब्याज का लाभ दिया जा रहा है. अब यह झिरो प्रतिशत ब्याज योजना का दायरा बढाकर 3 लाख रुपए तक किया गया है. अब 3 लाख रुपए तक के कर्ज का भुगतान समय पर करने वाले किसानों को झिरो प्रतिशत ब्याज योजना का लाभ मिलेगा. सभी बैंकों को किसानों को समय पर खरीफ के लिए फसल कर्ज का वितरण करने के निर्देश दिये गये है. सभी जिलाधीश फसल कर्ज वितरण को लेकर हर हफ्ते समिक्षा बैठक करेंगे. ऐसी जानकारी भी कृषि मंत्री दादा भुसे ने दी.