मोर्शी/दि. २४-मोर्शी शहर से बहने वाली नल-दमयंती यह दोनों नदियां बारिश के दिनों में उफान पर रहती है. नदी को बाढ़ आने पर आस-पास के परिसर वासियों का भारी नुकसान होता है. होनेवाले नुकसान को देखते हुए ग्रीष्मकाल में इन दोनों नदियों का गहराईकरण किया जाए तथा नदी बने पुल के नीचे बने खांचे (पायली) की सफाई की जाए. यह मांग परिसर के नागरिकों ने रवींद्र मोरे के नेतृत्व में मुख्याधिकारी गीता ठाकरे को सौंपे ज्ञापन में की है. ज्ञापन में कहा गया है कि, ग्रीष्मकाल में नदियों का जलस्तर घटा है. इसलिए नदी गहराईकरण का कार्य करना संभव है. बारिश के दिनों में नदी किनारे रहने वाले लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है. पिछले दो साल से जीवितहानी भी हो रही है. आसरा मात मंदिर के पास बने पुल, राम मंदिर के पास का पुल, भोईपुरा व संगमेश्वर मंदिर के पास बना पुल ये चारों पुल पायली के है. वर्तमान स्थिति में यह पायलियां बंद अवस्था में पड़ी है. इसलिए इस विषय की ओर गंभीरता से ध्यान देकर बारिश से पूर्व सफाई करें और नल-दमयंती नदी का गहराईकरण किया जाए ताकि, कोई जानहानि नही होगी और गरीबों का आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा. मुख्याधिकारी को ज्ञापन देते समय रवींद्र मोरे, बाबराव जाधव, सागर वाघाडे, गणेशराव माने, दिनेश जाधव, अंकुश राजगुरे, अलीम खां, सैय्यद सज्जु, नीलेश जाधव, अंकुल गुप्ता, साहील नंदवाणी, अभिषेक कडूकार मौजूद थे.