अमरावती

दीवाली गिफ्ट में सूखे मेवे की मांग बढी

आपूर्ति बढने से कीमतें हुई 65 फीसद कम

कॉर्पोरेटस् के साथ ही सर्वसामान्य लोग भी खरीद रहे सूखे मेवे
अमरावती दि.22- इन दिनों दीपावली पर्व के मौके पर उपहार के तौर पर सूखे मेवे देने का चलन बढ गया है. जिसके चलते बाजार में आकर्षक गिफ्ट पैक के तौर पर सूखे मेवे बिक्री हेतु उपलब्ध करा दिये गये है. साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए राहतवाली बात यह है कि, इस बार मांग अधिक रहने के साथ ही सूखे मेवोें की आपूर्ति भी जमकर होने के चलते सूखे मेवों के दाम पहले की तुलना में काफी कम है. जिसके चलते लोगबाग उपहार के तौर पर मिठाईयों की बजाय सूखे मेवों की खरीददारी करना पसंद कर रहे है.
उल्लेखनीय है कि, विगत दो वर्षों के दौरान कोविड की महामारी, अफगानिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और कोलंबिया के सूखे अकाल जैसी स्थितियों के चलते ड्राईफ्रुटस् की आपूर्ति कम हो गई थी. साथ ही सूखे मेवों की कीमतों में 60 से 68 फीसद तक इजाफा भी हुआ था. साथ ही कई तरह के प्रतिबंधों की वजह से मांग और बिक्री में भी कमी थी. लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गये है और कोविड संक्रमण व प्रतिबंध पूरी तरह से खत्म हो गये है. जिसके चलते लोगबाग अब पहले की तरह एक-दूसरे से मिल रहे है और दीपावली की शुभकामनाओें व त्यौहारों का आदान-प्रदान भी हो रहा है. जिसमें ड्राईफ्रुटस् की मांग अच्छी-खासी है. लेकिन मांग बढने के बावजूद दामों में कोई इजाफा नहीं है. उल्टे सूखे मेवे के दाम घट गये है. क्योंकि बदली हुई स्थिति में सूखे मेवों की आपूर्ति जमकर हो रही है.

* कमर्शिअल व गिफ्ट पैक के लिए सूखे मेवों की मांग बढी
इन दिनों अधिकांश व्यवसायिक क्षेत्रोें में कॉर्पोरेट कल्चर का चलन काफी बढ गया है. जिसके चलते लोगबाग पर्व एवं त्यौहारोें के समय अपने व्यवसायिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ करने हेतु गिफ्ट पैक व गिफ्ट कार्ड भेजते है. इन गिफ्ट पैक में अब मिठाईयों का स्थान विभिन्न तरह के सूखे मेवों ने ले लिया है. जिसके तहत अलग-अलग आकार-प्रकारवाले गिफ्ट पैक में विभिन्न तरह के सुखे मेवे बडे करीने के साथ सजाकर रखे होते है, जो स्वादिष्ट व पौष्टिक रहने के साथ ही देखने में बडे आकर्षक भी रहते है. गिफ्ट पैक को लेकर लोगों की सोच में आये इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए इन दिनों स्थानीय विक्रेताओं के साथ-साथ कई बडी कंपनियों ने भी विभिन्न तरह के गिफ्ट पैक बिक्री हेतु बाजार में उपलब्ध कराने शुरू कर दिये है. जिनकी स्थानीय बाजारों में अच्छी-खासी मांग है.

* अप्रैल से अगस्त के दौरान 72 फीसद बढी काजू की आयात
सरकारी आंकडों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में अप्रैल से अगस्त माह के दौरान देश में काजू की आयात में 72 फीसद का इजाफा हुआ और इस वर्ष 8.77 लाख टन काजू आयात हुआ. वहीं मनुक्का की आयात में 14 फीसद वृध्दि होकर 5,202 टन, अखरोट के आयात में 7 फीसद वृध्दि होकर 482 टन तथा केसर की आयात में 190 फीसद वृध्दि होकर 31.75 टन आयात हुआ.

* सूखे मेवों की कीमत (प्रति किलो)
सूखा मेवा गत वर्ष इस वर्ष
बादाम 600-700 1,050-1080
काजू 600-800 950-1,100
मनुक्का 250-450 350-500
पिस्ता डोडी 800-1000 1000-1,200

* इन देशों से भारत में आयात होता है सूखा मेवा
काजू – बेनिन, घाना, आयवरी कोस्ट
मनुक्का – अफगानिस्तान, बेल्जियम, स्विटजरलैण्ड
बादाम – अमरीका, चीन, ऑस्टे्रलिया
पिस्ता – अफगानिस्तान, इरान

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