अमरावती/दि.७ – अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाणपत्र अवैध ठहराकर जिले के कुछ कर्मचारियों को सेवामुक्त कर दिया गया. उन कर्मचारियों ने वापिस सेवा में लेने की मांग को लेकर आज से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बेमियादी अनशन आरंभ किया है. इस संबंध में आर्गनाइजेशन फॉर राईट्स अॉफ ह्यूमन संगठन की ओर से निवेदन भी दिया गया.
निवेदन में बताया गया कि निजी स्कूल संस्था के कर्मचारी गजानन नारोलकर, रामेश्वर उमक, चंद्रशेखर पादाडे, उर्मिला सोनपराते, जलसंपदा उध्र्व वर्धा सिंचाई मंडल के दिनकर कडू, मुंबई पुलिस आयुक्तालय के विलास के कर्मचारी विलास शेंद्रे को अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र अवैध होने के कारण पर सेवामुक्त कर दिया गया था. लेकिन अब तक इन कर्मचारियों को सेवा में नहीं लिया गया है. आर्गनाइजेशन फॉर राईट्स ऑफ ह्यूमन संगठन की ओर से सेवामुक्त किए गये कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने की मांग लेकर अनशन शुरू किया गया. इस आंदोलन में निवेदन सौंपते समय शिवानंद सहारकर, गजानन सोरते, राजेश सोनपरोते मौजूद थे.